फायरमैन बना सुपरमैन, हड्डियां टूटी होने के बावजूद धधकते शोलों में कूदकर बचाई 11 जानें | Fireman becomes superman Despite the bones being broken Save 11 by jumping in flames

फायरमैन बना सुपरमैन, हड्डियां टूटी होने के बावजूद धधकते शोलों में कूदकर बचाई 11 जानें

फायरमैन बना सुपरमैन, हड्डियां टूटी होने के बावजूद धधकते शोलों में कूदकर बचाई 11 जानें

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 PM IST
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Published Date: December 8, 2019 12:36 pm IST

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड के अनाज मंडी इलाके के एक बेकरी में भीषण आग लग गई। भीषण आगजनी में 43 लोगों की मौत हो गई ओर 50 से अधिक लोग झुलस गए। बताया जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। घायलों को उपचार के लिए लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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बता दें ये बेकरी सदर बाजार इलाके में स्थित है। 50 दमकल की गाड़ियों ने आग बुझाई। 52 घायलों को लोक मान्य अस्पताल में दाखिल कराया गया है। बताया जा रहा बेकरी में रात को काम खत्म होने के बाद लोग सो रहे थे। शार्ट सर्किट की वजह से ये आग लग गई। देखते ही देखते आग ने तीन मंजिला इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। दमकल की माने तो कुछ और लोग अंदर फंसे हो सकते हैं। ऐसे में मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
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इस पूरी घटना में रोते-चीखते अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए आग से घिरी बिल्डिंग में जाने को सबसे पहले फायरमैन राजेश शुक्ला तैयार हुए। राजेश ने अपनी जान की परवाह किए बिना सीधे आग की लपटों के बीच छलांग लगा दी । राजेश का अदम्य साहस ही था कि आग के शोलों के बीच बिल्डिंग में फंसे 11 लोगों की जान उन्होंने बचाई।

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राजेश की तारीफ में अब कसीदे पढ़ें जा रहे हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी अपने ट्विटर हैंडल से फायरमैन राजेश शुक्ला की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि फायरमैन राजेश शुक्ला एक रियल हीरो हैं। वह फायर स्पॉट में प्रवेश करने वाले पहले फायरमैन थे जिन्होंने 11 लोगों की जान बचाई। सत्येंद्र जैन ने ट्वीट के अंत में लिखा है इस बहादुर हीरो को सलाम।

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जानकारी के मुताबिक फायरमैन राजेश को हड्डियों में चोट लगी हुई थीं। इसके बावजूद उन्होंने अपनी जान पर खेलकर आग में फंसे लोगों को बचाने के लिए सबसे पहले कदम उठाया।मालूम हो कि अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने 50 से ज्यादा लोगों को बचाया है, लेकिन भीषण आग और बिल्डिंग में भागने की जगह नहीं होने के कारण 43 लोगों की झुलसने और दम घुटने के कारण मौत हो गई है। मरने वालों में से अधिकतर लोग फैक्ट्री में मजदूरी करते थे और यूपी-बिहार के रहने वाले थे। पीएम राहत कोष, दिल्ली सरकार और दिल्ली भाजपा ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजा राशि का एलान किया है।