इंदौर। गौतमपुरा में सदियों पुरानी परंपरा व भाईचारे के प्रेमबंधन के पर्याय हिंगोट युद्ध (अग्निबाण युद्ध) का रोमांच सोमवार शाम को शुरू हुआ । भगवान देवनारायण मंदिर के पास युद्ध मैदान पर योद्धा आपस में जमकर भिड़े। आसपास सहित अनेक जिलों व देश के कई स्थानों से आए दर्शक इस रोमांच युद्ध को देखने के लिए पहुंचे ।
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दीपावली के अगले दिन पड़वा पर सूर्यास्त की लालिमा छाने के पहले शाम चार बजे करीब ही क्षेत्र के तुर्रा-गौतमपुरा व कलंगी-रूणजी के निशान लिए दो दलों के सजे-धजे योद्धा कंधों पर झोले में भरे हिंगोट, एक हाथ में ढाल व दूसरे में जलती बांस की कीमची लिए ढोल-ढमाकों के साथ झूमते गाते बड़नगर रोड स्थित देवनारायण मंदिर के दर्शन कर मंदिर के सामने ही दर्शकों की सुरक्षा जालियों से घिरे मैदान में करीब 200 फीट की दूरी पर आमने-सामने खड़े होकर एक-दूसरे पर सरसराते हिंगोट चलाए ।
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गौतमपुरा गांव के योद्धा तुर्रा जबकि रुनजी गांव के योद्धा कलंगी कहलाते हैं । इस युद्ध में 10 लोग भी घायल हुए है । क्षेत्रीय विधायक विशाल पटेल भी यहां पहुंचे जिन्होंने अगले वर्ष इन योद्धाओं को हेलमेट भी दिलवाने की बात कही । वहीं घायल हुए योद्धा ने भी इस परम्परा को पुरानी परंपरा बताया ।
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