इंदौर। आंखफोड़वा कांड के बाद जिला प्रशासन आई हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ सख्ती बरतना शुरू कर दी है। संभाग आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने कलेक्टर लोकेश जाटव को प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
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आई हॉस्पिटल की जमीन को कब्जे में लेकर अस्थाई जिला अस्पताल संचालित की जाएगी। मोतियाबिंद के ऑपरेशन में गड़बड़ी के चलते 15 मरीजों की आंखों की रोशनी जाने के बाद प्रशासन ने सख्ती बरती है।
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स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में ओटी से लिए गए 38 उपकरण व चिकित्सा सामग्री में से एक हाथ के एक ग्लब में संक्रमण होने की पुष्टि की गई है, जिस कंपनी के ग्लब्स हैं, उनका उपयोग कई शासकीय अस्पतालों में भी किया जा रहा है।
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अस्पताल के ओटी से 38 सेंपल लेकर संक्रमण की जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज में भेजे गए थे। वहां से मिली रिपोर्ट में एक ग्लब में संक्रमण की पुष्टि हुई। ओटी से तीन सील बंद ग्लब्स के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। ये ग्लब्स पहले से स्ट्रेलाइज होते हैं। 6, 7 व 7.5 साइज के नमूने लिए गए थे। 7.5 साइज के ग्लब में संक्रमण पाया गया है। ग्लब्स मुंबई की न्यू लाइफ कंपनी के हैं। अधिकतर निजी व शासकीय अस्पतालों में इन्हीं ग्लब्स का उपयोग होता है। इस संबंध में स्वास्थ्य संचालनालय और कलेक्टर इंदौर को रिपोर्ट सौंप दी गई है।
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