रायपुर: प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त वित्त नियंत्रक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। दरअसल प्रोफेसर व्यास नारायण दुबे पर आरोप है कि उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन नहीं कराने के बावजूद बिल लगाकर विश्वविद्यालय से पैसे आहरण किए हैं। मामले को लेकर सरस्वती नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रो.व्यास नारायण दुबे रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में वित्त नियंत्रक के पद पर पदस्थ थे। उनके पास उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करवाने का जिम्मा था। आरोप है कि व्यास नारायण दुबे ने पद पर रहते हुए बिना पुनर्मूल्यांक के ही 22 लाख के फर्जी बिल बनाकर राशि का आहरण किया है।
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