नई दिल्ली। नकदी संकट के कारण परिचालन बंद करने वाली विमानन कंपनी जेट एयरवेज के उबरने की संभावना खत्म होती नजर आ रही है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाला बैंकों का कंसोर्टियम इन्वसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्टसी कोड के तहत जेट को एनसीएलटी में ले जाने की तैयारी कर रहा है।
मामले को आईबीसी के बाहर सुलझाने के कर्जदाता बैंकों का प्रयास विफल होने के कारण यह कदम उठाया जा रहा है। जेट को कर्ज देने वाले बैंकों ने बयान में कहा है कि जेट एयरवेज के भविष्य पर फैसला करने के लिए उसके कर्जदाताओं की आज एक बैठक हुई। कर्जदाताओं ने काफी विचार-विमर्श के बाद मामले का निपटारा आईबीसी के तहत करने का फैसला किया, क्योंकि कंपनी के लिए केवल एक सशर्त बोली आई।
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बयान में कहा गया है कि एसबीआई के नेतृत्व वाले कर्जदाता बैंक जेट एयरवेज के लिए आईबीसी के बाहर रेजॉल्यूशन पाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उपरोक्त कारणों से बैंकों को आईबीसी के तहत ही रेजॉल्यूशन का फैसला करना पड़ा है। गौरतलब है कि नकदी संकट के कारण जेट एयरवेज को बीते 17 अप्रैल को अपना परिचालन बंद करना पड़ा। कंपनी पर 8,500 करोड़ रुपए का कर्ज है और इसकी कुल देनदारी 25 हजार करोड़ रुपये है।