उज्जैन। उज्जैन में प्रतिवर्ष के अनुसार इस बार भी परंपारगत रूप से कार्तिक मेला ग्राउंड के नजदीक लगने वाले गधों का मेला देवउठनी ग्यारस से शुरू हो गया है। मेले में 500 से अधिक गधे, खच्चर व घोड़े आए हैं। इसमें एक खच्चर और गधों की कीमत 10 हजार रूपए से लेकर 15 हजार और इससे अधिक लगाई गई है।
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मेले में अधिकांश गधों के सौदे हो चुके हैं, मेला समाप्त होने के साथ ही पशुओं को मेले से ले जाया जाएगा। उज्जैन के कार्तिक के पूर्व देवउठनी ग्यारस पर गधों का मेला आयोजित किया जाता है। आधुनिक ज़माने में अब गधे के खरीददार कम हुए हैं। माल ढ़ोने के काम में आने वाले गधों और खच्चरों की उज्जैन के मेले में आवक कम हुई है, वहीं उनकी कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है।
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मेले में औसत पांच हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक के गधे उपलब्ध हैं। व्यापारियों के अनुसार मेले में सबसे महंगी गधी रोशनी आई थी जिसकी कीमत 40 हजार रुपए मांगी जा रही थी । एक दिन पूर्व इससे भी अधिक कीमत मांगी जा रही है। रोशनी को चिंतामण ग्राम चांदपुर के अशोक प्रजापत मेले में लेकर आए थे। उनके अनुसार रोशनी को खरीदने के लिए 15 हजार 500 रुपए तक लग चुके हैं। व्यापारियों के अनुसार मेले में उज्जैन, पीड़ावा, आगर, सोयत, सुसनेर, नांदेड़ आदि स्थानों से पशु व व्यापारी आए हैं। गधों के नाम से फेमस उज्जैन का मेला सभी प्रदेशो में फेमस है।
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