वॉशिंगटन। अश्वेत अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से अमेरिका में विरोध प्रदर्शन जारी है, इसी मुद्दे को लेकर फेसबुक में भी माहौल गर्म है। फेसबुक के कई कर्मचारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कुछ पोस्ट फेसबुक से हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रंप इन पोस्ट के ज़रिए सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की बात कह रहे हैं।
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बता दें कि अमेरिका में लगातार बढ़ते प्रदर्शन को देख हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने पोस्ट किया था कि ‘लूट शुरू होते ही गोली मारने की भी शुरुआत हो जाएगी।’ फेसबुक के कर्मचारी ट्रंप की इस पोस्ट को हटा देने की मांग कर रहे हैं। जिस पर मार्क जुकरबर्ग ने सफाई भी दी है और बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप की पोस्ट आपत्ति जनक क्यों नहीं नही है।
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मार्क जुकरबर्ग ने भारत में हुए एनआरसी और सीएए विरोधी प्रदर्शन का उदाहरण दिया, उन्होंने भारत की बात करते हुए कहा, ‘भारत में ऐसे मामले हुए हैं जहां उदाहरण के तौर पर किसी ने कहा कि अगर पुलिस ने ये काम नहीं किया तो हमारे समर्थक आएंगे और सड़कें खाली कराएंगे। ये अपने समर्थकों को सीधे-सीधे हिंसा के लिए भड़काने का ज्यादा प्रत्यक्ष मामला है।’ उनका कहना था कि इस तरह के आशय वाली सामग्री कंपनी बर्दाश्त नहीं करती है।
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यहां जुकरबर्ग ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने जिस घटना का उदाहरण दिया उससे यह साफ पता चलता है कि वह बीजेपी नेता कपिल मिश्रा की बात कर रहे थे। कपिल मिश्रा ने दिल्ली में सीएए विरोधी प्रदर्शन के बीच पुलिस को अल्टीमेटम दिया था कि अगर तीन दिन में उसने प्रदर्शनकारियों को नहीं हटाया तो उनके समर्थक यह काम करेंगे इसके बाद दिल्ली में हिंसा हुई थी।
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