रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की नई तबादला नीति के तहत पिछले लंबे समय कई विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों के तबादले का दौर आखिरकार 23 अगस्त को थम गया। लेकिन तबादले का सिलसिला थमने के साथ ही ट्रांसफर लिस्ट जारी करने में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही का उजागर हुआ है। शिक्षा विभाग की ट्रांसफर लिस्ट में ट्रांसफर नीति के नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसके चलते कई अपात्र शिक्षकों का ट्रांसफर हुआ है।
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मिली जानकारी के अनुसार 22 अगस्त को शिक्षा विभाग की ओर से जारी ट्रांसफर लिस्ट में 4 प्रमुख गड़बड़िया सामने आई है। पहला ये कि राज्य स्तर की ट्रांसफर लिस्ट में शिक्षकों का ट्रांसफर जिला से जिला ही हुआ है, जबकि जिला स्तर की ट्रांसफर लिस्ट पहले ही निकाली जा चुकी है। दूसरी गड़बड़ी शिक्षक पंचायत यानि जिनका अब तक संविलियन नहीं हुआ और ये पंचायत विभाग के तहत है। ऐसे शिक्षकों का ट्रांसफर का नाम भी ट्रांसफर लिस्ट में देखा जा सकता है। जबकि डीपीआई ने साफ निर्देश दिए थे कि पंचायत शिक्षक ट्रांसफर के लिए आवेदन न करें।
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अब गौर करने वाली बात यह है कि अगर कोई आवेदन करता है तो उस पर कार्रवाई की होगी। बावजूद ट्रांसफर लिस्ट परीक्षण करने वालों ने ट्रांसफर सूची में पंचायत शिक्षकों के नाम डाल दिए। वहीं, तीसरी गड़बड़ी इस लिस्ट में दर्जनों शिक्षकों के पदनाम का जिक्र नहीं किया गया है। चौथी गड़बड़ी यह थी कि एक ही शिक्षक का तबादला कई जगहों पर किया गया है। ऐसे में ये ट्रांसफर लिस्ट पूरी तरह संदेह के घेरे में है। शिक्षक संगठनों और सोशल मीडिया में इस लिस्ट को देखकर प्रश्न चिन्ह उठाए जा रहे है?
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वहीं, दूसरी ओर शिक्षा विभाग द्वारा जारी तबादला सूची में विधायकों की सिफारिश के बाद भी कार्मचारियों का नाम गायब है। इस बात को लेकर कांग्रेस विधायकों में नाराजगी व्याप्त है। इस संबंध में शनिवार को नाराज विधायकों ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की थी। हालांकि सीएम भूपेश बघेल के आश्वासन के बाद विधायक थोड़ा संतुष्ट नजर आए।
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