बांस का सेतु बनाने के बाद भी नहीं हो पाया बंदरों का रेस्क्यू, दुधावा टापू में फंसे हैं 100 से ज्यादा लंगूर | Kanker monkey rescue chhattisgarh: Even after making bamboo bridge, monkeys could not be resqued

बांस का सेतु बनाने के बाद भी नहीं हो पाया बंदरों का रेस्क्यू, दुधावा टापू में फंसे हैं 100 से ज्यादा लंगूर

बांस का सेतु बनाने के बाद भी नहीं हो पाया बंदरों का रेस्क्यू, दुधावा टापू में फंसे हैं 100 से ज्यादा लंगूर

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 PM IST
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Published Date: November 19, 2019 4:45 am IST

कांकेर, छत्तीसगढ़। कांकेर के दुधावा टापू में फंसे बन्दरों को रेस्क्यू करने बनाया गया बांस का सेतू भी कारगार साबित नहीं हो रहा। सेतु बनाने के 16 घंटे बाद भी बन्दर के झुंड में कोई हलचल नहीं है। बंदर अब भी वहां मौजूद हैं। लेकिन जंगली बन्दरों को फल सब्जी देने से ग्रामीणों में भय बन गया है कि बाहर निकलने के बाद बंदर ग्रामीणों पर हमला ना करें।

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ग्रमीणों की माने तो ढोंढारा डोंगरी टापू में बन्दर हमेशा आते हैं और इनकी साइज अन्य बन्दरों की अपेक्षा बड़ी है और ये पानी से डरते हैं तो ये बांस के सहारे नहीं आ पाएंगे। बन्दरों की संख्या अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष ज्यादा है।ॉ

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ग्रमीणों को ये भी डर सता रहा है कि ये बन्दर जंगली पेड़ पत्ती खाने के आदि हैं और जिस प्रकार से इनको फल और सब्जी दी जा रही है ये बाहर निकलने के बाद ग्रमीणों महिलाओं और बच्चों पर भी सब्जी की लालच में हमला कर सकते हैं। बहरहाल बन्दरों के रेस्क्यू में अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। सेतु निर्माण के एक दिन बाद भी बन्दर अभी तक सेतु तक नहीं आए हैं ऐसे मैं वन विभाग की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।

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