रायपुर। भूमिहीन किसानों की पट्टे की जमीनों के राजस्व दस्तावेजों में हेरफेर कर बेचने के मामले में तत्कालीन नायब तहसीलदार घनश्याम शर्मा, तत्कालीन पटवारी माखन लाल देशमुख और सनत पटेल पर EOW ने एफआईआर दर्ज की है। मामले में दुर्ग पाटन के महुदा में राजस्व दस्तावेजों में हेरफेर कर जमीन को कई बड़े बिल्डर्स के नाम कर दिया गया था। इसका खुलासा होने के बाद हब EOW ने उस समय के तहसीलदार और पटवारी पर कार्रवाई की है।
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मामले की शिकायत पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर द्वारा की गई थी। शिकायत पर ईओडब्ल्यू थाना में तत्कालीन शासकीय लोक सेवक तत्कालीन पटवारी हल्का नम्बर-07 ग्राम-महुदा माखन लाल देशमुख, तत्कालीन पटवारी हल्का नम्बर-07 ग्राम-महुदा, सनत कुमार पटेल, तत्कालीन नायब तहसीलदार भिलाई-03 घनश्याम शर्मा और वविक्रेताओं व क्रेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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दर्ज मामले के अनुसार, ग्राम महुदा पाटन जिला-दुर्ग में गरीब भूमिहीन किसानों को शासन की योजना अन्तर्गत वर्ष 1975-76 में शासकीय पट्टे पर कृषि कार्य के लिए 39.97 एकड भूमि दी गई थी, जिसे तत्कालीन नायब तहसीलदार भिलाई-03 घनश्याम शर्मा और तत्कालीन पटवारी, हल्का नम्बर-07 ग्राम-महुदा माखन लाल देशमुख एवं सनत कुमार पटेल द्वारा राजस्व दस्तावेजों में हेरफेर कर शासकीय पट्टे की भूमि को भूमि स्वामी हक दर्ज कर बिल्डर्स वसुन्धरा आयुर्वेदिक अनुसंधान प्रालि राजू शुक्ला पिता शिवमूरत निवासी रायपुर एवं विश्वास अग्रवाल, जैनम एग्रो फाईनेंस डायरेक्टर, गोपाल सोनकर पिता रामचंद निवासी रायपुर डायरेक्टर सुनील पारख एवं अन्य से सांठ-गांठ कर क्रेता के नाम पर रजिस्ट्री कराई गई थी।
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