भोपाल । बीजेपी के नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान होने के बाद पीसीसी चीफ पर किसी नए चेहरे की ताजपोशी जल्द होने की उम्मीदें बढ़ गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने इस बात की पुष्टि की है। खबर तो ये भी है कि कांग्रेस आलाकमान ने नया नाम तय कर लिया है, लेकिन फिलहाल वो नाम होल्ड कर रखा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस की सियासी तकरार खत्म होने के बाद आलाकमान कांग्रेस के नए कप्तान के नाम का ऐलान करेगा। उधर बीजेपी अध्यक्ष की कमान वीडी शर्मा को मिलने के बाद पार्टी मे ही उनके विरोधियों की नींद उड़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी करने वाले बीजेपी के सभी दिग्गज वीडी शर्मा की काबिलियत के कसीदे ज़रुर गढ़ रहे हैं। अंदर अंदर ही खुद के राजनैतिक कैरियर को लेकर खौफ भी महसूस कर रहे हैं।
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मध्यप्रदेश कांग्रेस में फिलहाल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की अदावत ने सबको हैरान कर रखा है, तो उस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिंधिया को लेकर बेरुखी भी पार्टी आलाकमान के लिए चिंता का सबब बनी हुई है, उधर आलाकमान कांग्रेस के नए कप्तान के नाम को लेकर कश्मकश में है। हालांकि खबर तो ये भी है कि सिंधिया के इन तेवरों के पीछे उनको प्रदेश अध्यक्ष की कमान न मिलना भी है। सूत्रों के मुताबिक आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का नाम तय कर लिया है, लेकिन नाम का ऐलान करने से पार्टी घबरा रही है।
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पार्टी को डर है कि गरमागरमी के माहौल में नाम का ऐलान होता है तो पार्टी को बड़ा नुक्सान उठाना पड़ सकता है। इधर सिंधिया ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार को चुनौती देते हुए दोहराया है कि ज़रुरत पड़ी तो वो सड़क पर अपनी ही सरकार के खिलाफ ज़रुर उतरेंगे। उधर मौके की नज़ाकत और सिंधिया के तेवर देखने के बाद सिंधिया के समर्थक आर पार की लड़ाई के मूड में नज़र आ रहे हैं। मंत्री इमरती देवी ने तो ये तक कह दिया कि सिंधिया अगर सड़क पर उतरे तो हिंदुस्तान के लाखों सिंधिया समर्थक भी सड़क पर उतर आएंगे
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कांग्रेस सरकार की ईंट से ईंट बजा देने का दावा करने वाली पार्टी बीजेपी को ज़रुर कांग्रेस से पहले अध्यक्ष मिल गया है। संघ की पसंद रहे वीडी शर्मा को आलाकमान ने बीजेपी का नया कप्तान बना दिया है। ऐसे में वीडी शर्मा से खतरा कांग्रेस के बजाए बीजेपी में ही उनका विरोध करने वालों को है। दरअसल वीडी शर्मा को विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी में उनके विरोधियों की वजह से ग्वालियर-चंबल और भोपाल से टिकट नहीं मिल सका था। लिहाज़ा संघ के इशारे पर पार्टी ने वीडी शर्मा को लोकसभा चुनावों में बुंदेलखंड के खजुराहो से मैदान में उतारा था। चुनावों के ही दौरान खुद पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह जनसभा से ये कह कर गए थे कि वीडी शर्मा को जिताओ क्योंकि ये भविष्य का बड़े नेता बनेंगे। हालांकि उस वक्त अमित शाह के इस बयान के मायने उनके विरोधी नहीं निकाल सके थे। लेकिन विरोधी भी इस बात को मानते हैं कि वीडी शर्मा की संगठन में पकड़, इलेक्शन मैनेजमेंट,कार्यकर्ताओं की जमावट के साथ ही युवा कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज उनकी ताकत के तौर पर बीजेपी को फायदा पहुंचाएगी।
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राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि सिंधिया को अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। संगठन की मंशा सिंधिया को राज्यसभा भेजकर प्रदेश में सक्रियता से काम कराने की है। पीसीसी का नया अध्यक्ष आदिवासी वर्ग का हो सकता है। बीजेपी भी वीडी शर्मा के जरिए कमलनाथ सिंहासन के पाए हिलाने की कोशिश में नज़र आ रही है। फिलहाल वीडी शर्मा के सामने संगठन को नए तरीके से कसने और दो उपचुनावों को जीतने की है। इस बीच ये भी देखना दिलचस्प होगा कि वीडी शर्मा पार्टी में उनके विरोधियों को कैसा सबक सिखाते हैं, साथ ही कमलनाथ सरकार की नीतियों की खिलाफत का उनका अंदाज़ क्या होता है।