चुनावी वादे...विपक्ष मांगे हिसाब! वादों पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत | Election promises ... the opposition asked for! Politics of accusation-counter-allegations

चुनावी वादे…विपक्ष मांगे हिसाब! वादों पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत

चुनावी वादे...विपक्ष मांगे हिसाब! वादों पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 PM IST
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Published Date: January 28, 2021 6:12 pm IST

रायपुरः अपने घोषणापत्र के दम पर छत्तीसगढ़ में पंद्रह साल बाद सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस का दावा है कि बीते 2 साल में भूपेश सरकार ने 36 में से 25 चुनावी वादों को पूरा किया है। हालांकि बीजेपी सत्ता पक्ष के इन दावों को सिरे से खारिज कर रही है। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने तो सरकार के मंत्रियों को अधूरे चुनावी वादों पर बहस करने की चुनौती तक दे डाली है, जिस पर कांग्रेस ने भी जवाबी हमला किया।

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निर्धारित लक्ष्य से पहले रिकॉर्ड धान खरीदी करने को लेकर भूपेश सरकार के मंत्री अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रहे। दरअसल गठन के बाद छत्तीसगढ़ में पहली बार 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य पूरा हुआ है। कांग्रेस अब सरकार की इस उपलब्धि को लेकर जनता के बीच पहुंच रही है। हालांकि विपक्ष सरकार के दावों से इत्तेफाक नहीं रखता। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के समय किए 36 वादों में से कितने वादे पूरे किए ये जनता अच्छे से जानती है। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घोषणा पत्र पर आमने-सामने बैठकर बहस करने की चुनौती तक दे डाली।

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चुनावी वादों पर बीजेपी ने सरकार को बहस की चुनौती दी, तो सत्ता पक्ष की ओर से विधायक सत्यनारायण शर्मा ने पलटवार किया कि बीजेपी पहले अपने घर की चुनौती को देखे। पार्टी के बड़े नेता आपस में लड़ रहे हैं, उन्हें समझाएं। रही बात बहस की तो विधानसभा के बजट सत्र में इसके लिए तैयार हैं।

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बहरहाल आगामी 22 फरवरी से छत्तीसगढ़ का विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में इस बात के पूरे आसार हैं कि सत्र के दौरान सदन में शोर-शराबा मचेगा। विपक्ष आक्रामक अंदाज में धान खरीदी और घोषणापत्र के अधूरे वादों को सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी।

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