नई दिल्ली: यह आयोग के वरिष्ठ प्रधान सचिव सुमित मुखर्जी द्वारा जारी पत्र संख्या-99/उपचुनाव/2020 /ईपीएस दिनांक 22.7.2020 के संदर्भ में है। इससे मीडिया के कुछ वर्गों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। इसके द्वारा स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त पत्रव्यवहार केवल आठ निर्वाचन क्षेत्रों के संबंध में है, जिसके बारे में कानून और न्याय मंत्रालय को इन निर्वाचन क्षेत्रों की कुछ असाधारण परिस्थितियों के कारण पत्र संख्या 99/उपचुनाव/2020/ईपीएसदिनांक 03.7.2020 के द्वारा संदर्भ प्रस्तुत किया गया था।
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हालांकि, एक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के अलावा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या 56 (पहले बताए गए आठ सहित) है, जहाँ उपचुनाव होने हैं। कुल 57 उपचुनाव क्षेत्रों में, यह स्पष्ट किया जाता है कि आयोग ने आर.पी. अधिनियम, 1951 की धारा 151ए के प्रावधानों के अनुसार सभी उपचुनाव कराने का निर्णय पहले ही ले लिया है। किसी भी स्थिति में, उपरोक्त आठ निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव को केवल 7 सितंबर, 2020 तक बढाया जा सकता है। उपचुनावों के समय आदि विषयों पर कल यानी 24.7.2020 को होने वाली निर्वाचन आयोग की बैठक में चर्चा की जायेगी।