भोपाल: मध्यप्रदेश में एक बार फिर उपचुनाव की तैयारियों में जुटा है। चुनाव आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में 1 लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने खंडवा-बुरहानपुर निवाड़ी, सतना और अलीराजपुर कलेक्टरों को पत्र लिखते हुए निर्देश जारी किया हैकि 3 साल से एक ही जगह जमे अधिकारियों को हटाया जाए। चुनाव आयोग की तैयारी शुरू होते ही बीजेपी-कांग्रेस भी चुनावी मोड में आ गए हैं। दमोह उप चुनाव के बाद एक बार फिर दोनों आमने-सामने होंगे।
कोरोना दूसरी लहर के बाद सामान्य होते जनजीवन के बीच मध्यप्रदेश में 3 विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है। चुनाव आयोग के साथ-साथ सियासी पार्टियां भी ब्लू प्रिंट तैयार करने में जुट गई है। कांग्रेस के लिए जहां प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है, तो वहीं बीजेपी के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुनावी क्षेत्रों में दौरे शुरू हो गए हैं।
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दरअसल प्रदेश में खंडवा लोकसभा सीट और निवाड़ी जोबट और रैगांव विधानसभा में उपचुनाव होने हैं। खडंवा सीट नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद खाली है। वहीं निवाड़ी कांग्रेस विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह, जोबट कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया और रैगांव बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन के रिक्त है। इन चुनावों को लेकर कांग्रेस ने दमोह उप चुनाव की तरह प्लान बनाया है। हालांकि कांग्रेस को वर्तमान हालात के मद्देनजर चुनाव कराये जाने पर संशय जाहिर कर रही है।
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दमोह उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। लिहाजा पार्टी ने अभी से उपचुनाव की मैदानी तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खंडवा लोकसभा अंतर्गत आने वाले बुरहानपुर का दौरा कर चुके हैं। 31 जुलाई को उनका निवाड़ी जाना प्रस्तावित है। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को निवाड़ी का प्रभारी मंत्री बनाया गया है, वे भी दो दिन के दौरे पर वहां पहुंच रहे हैं। इस दौरान वे संगठन पदाधिकारियों के अलावा अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि गोपाल भार्गव के दौरे से उपचुनाव की तैयारियों की शुरुआत हो जाएगी। बीजेपी का दावा है उसकी तैयारी पूरी है पर कोरोना काल में जनता की नाराजगी के चलते सत्तारूढ़ बीजेपी को नुक्सान की आशंका है !
मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव बीजेपी सरकार और कांग्रेस के लिए 2023 में होने वाले आम चुनाव से पहले लिटमस टेस्ट के तौर पर देखे जा रहे है, जनता का मूड मीटर भी इन चुनावों से तय होगा। दमोह उपचुनाव की हार और कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश में मचे हाहाकार के बाद जनता का मिजाज सरकार के काम पर मुहर लगाएगी? ये बड़ा सवाल है। यही वजह है उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारी शुरू हो गई है, वहीं बीजेपी हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है।