नवरात्र का आठवां दिन: नकारात्मकता से मुक्ति दिलाती हैं माता महागौरी, देंखे पूजन विधि | Eighth day of Navratri: Mother Mahagauri gives relief from negativity See the worship method

नवरात्र का आठवां दिन: नकारात्मकता से मुक्ति दिलाती हैं माता महागौरी, देंखे पूजन विधि

नवरात्र का आठवां दिन: नकारात्मकता से मुक्ति दिलाती हैं माता महागौरी, देंखे पूजन विधि

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 PM IST
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Published Date: April 1, 2020 4:48 am IST

धर्म । नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन को दुर्गाष्टमी कहा जाता है। अष्ठमी के अवसर पर माता महागौरी की पूजा से अधिक फल मिलता है। नवरात्रि में माता महागौरी की पूजा करने से पाप से मुक्ति मिलती है। मन में विचारों की शुद्धता आती है। हर प्रकार की नकारात्मकता दूर होती है। माता महागौरी अपने भक्तों की बल और बुद्धि भी प्रदान करती हैं।
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पुराणों में प्रचलित कथाओं  के अनुसार माता महागौरी ने भगवान शिव को पति के रुप में पाने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। भगवान शिव ने तपस्या से प्रसन्न होकर माहागौरी को स्वीकार कर लिया। कहते हैं कि कड़ी तपस्या के कारण माता महागौरी का शरीर काला हो गया और उस पर धूल मिट्टी की परतें जम गईं। तब भगवान शिव ने उन्हें गंगाजल से नहलाया। भगवान शिव के स्नान कराने से माता का शरीर स्वर्ण के समान दमकने लगा। तभी से माता का नाम महागौरी पड़ गया।

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माता महागौरी
माता महागौरी को अत्यंत सौम्य देवी के रूप में जाना जाता है। ये मां जगतजननी का आठवां स्वरुप हैं। माता महागौरी की चार भुजाएं हैं। माता वृषभ की सवारी करती हैं। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे के बाएंहाथ में वर-मुद्रा है।

पूजन विधि

नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए। रात रानी के फूल भी माता महागौरी को अधिक पसंद है। इसलिए इस दिन

फूल से पूजा करनी चाहिए। माता को चौकी पर स्थापित करने से पहले गंगाजल से स्थान को पवित्र करें। पूजन स्थान पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह,

षोडश मातृका यानी 16 देवियां, सप्त घृत मातृका यानी सात सिंदूर की बिंदी लगाकर स्थापना करें। माता महागौरी की सप्तशती मंत्रों से पूजा करें।

पूजन सामग्री

गंगा जल, शुद्ध जल, कच्चा दूध, दही, पंचामृत, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण,पान के पत्ते, पुष्प-हार, सुगंधित

द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, धूप, कपूर, लौंग, अगरबत्ती से माता महागौरी की पूजा की जाती है.

माता महागौरी को प्रसन्न करने के मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:.

ओम महागौरियेः नमः.