आंगनबाड़ी केंद्रों में अब स्थानीय भाषा एवं बोली में दी जाएगी शिक्षा, सीएम के निर्देश पर कलेक्टर्स को आदेश जारी | Education will be given in local language and dialect in Anganwadi centers

आंगनबाड़ी केंद्रों में अब स्थानीय भाषा एवं बोली में दी जाएगी शिक्षा, सीएम के निर्देश पर कलेक्टर्स को आदेश जारी

आंगनबाड़ी केंद्रों में अब स्थानीय भाषा एवं बोली में दी जाएगी शिक्षा, सीएम के निर्देश पर कलेक्टर्स को आदेश जारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : January 29, 2020/3:17 am IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य सरकार ने आगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अब स्थानीय भाषा या बोली स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा दी जाएगी। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने समस्त जिला कलेक्टरों को पत्र जारी कर बच्चों को यथासंभव उनकी मातृभाषा में पढ़ाने के लिए कहा है।

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कलेक्टरों को आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली अनौपचारिक स्कूल पूर्व शिक्षा में छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, भतरी, सरगुजिया, कोरवा, पाण्डो, कुड़ुख तथा कमारी जैसी स्थानीय भाषा और बोलियों का समावेश करने कहा गया है।

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अनौपचारिक स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए उपलब्ध संसाधनों और पाठन सामग्री का स्थानीय भाषा या बोली में अनुवाद कराया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय भाषाओं के जानकार अधिकारी, कर्मचारी या कार्यकर्ता की पहचान कर उनके माध्यम से अन्य सभी कार्यकारियों को प्रशिक्षित करने कहा गया है।

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इसके लिए प्रत्येक जिले में प्रशिक्षकों की सूची तैयार की जाएगी। पत्र में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए भाषा के विकास के लिए उचित संदर्भ तैयार करने कहा गया है, जिसका आंगनबाड़ी केन्द्रों में दी जा रही अनौपचारिक शिक्षा में उपयोग किया जा सके। इसके लिए कलेक्टरों के मार्गदर्शन और निर्देश पर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एक सप्ताह में कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।