उत्तर प्रदेश के कानपुर में गाड़ी चेकिंग कर रही पुलिस से भाजपा अध्यक्ष के साथ कहा सुनी और फिर मार पीट का मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार, भाजपा के मंडल अध्यक्ष को गाड़ी चेकिंग के लिए रोका गया तो वो पुलिस से ही भिड़ गए। वहीं इस मामले में भाजपा अध्यक्ष का कहना है कि उन्होंने अपना परिचय दिया लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। बता दें कि दोनों के बीच विवाद इतना बढा कि उन लोगों के बीच हाथापाई होने लगी। इस पर दरोगा ने बीजेपी के मंडल अध्यक्ष की जमकर पिटाई कर दी, जिससे उनको गंभीर चोटे आ गई। इसके बाद उन्हें उपचार के लिए सीएचसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले में दरोगा को निलंबित कर दिया गया है।
क्या है मामलाः जानकारी के मुताबिक, पीड़ित देवेंद्र राजपूत बाइक से दूध लेने के लिए गए थे। उसी दौरान मटौली थाना ओवर ब्रिज के नीचे दरोगा धर्मेंद्र यादव सिपाहियों के साथ गाड़ियों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें पुलिस ने रोका तो वो पुलिस से भिड़ गए। बता दें कि देवेंद्र राजपूत पर यह भी आरोप लगा है कि घटना के वक्त वे फोनकर कर कार्यकर्ताओं को इकट्ठा भी करने लगे थे।
राजपूत को सीएससी में भर्ती कराया गयाः बता दें कि दरोगा और मंडल अध्यक्ष राजपूत के बीच हाथापाई शुरु हो गई। इस पर दरोगा ने उन्हें जमकर पीटा दिया। इस घटना के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा भी किया। वहीं देवेंद्र राजपूत की हालत खराब होने के कारण उन्हें सीएससी में भर्ती कराया गया। गौरतलब है कि कानपुर देहात थाना क्षेत्र के अमराहट थाना के मटौली गांव में रहने वाले देवेंद्र राजपूत एक होम्योपैथिक डॉक्टर है। इसके साथ ही वह भाजपा के सक्रिय सदस्य और मंडल अध्यक्ष भी है। बताया जाता है कि देवेंद्र राजपूत राज्यमंत्री अजीत पाल के करीबी भी है।
दरोगा को किया निलंबितः देवेंद्र राजपूत की पत्नी संध्या के मुताबिक, दरोगा ने जनप्रतिनिधी और नेताओं को अपशब्द बोलते हुए उनके पति के साथ अभद्रता की थी। इसके बाद उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। कानपुर देहात के एसपी अनुराग वत्स के अनुसार, मामले में दरोगा को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही पूरे घटनाक्रम की जांच एएसपी को सौंपी गई है।