रायपुर। लॉकडाउन के दौरान पुलिस की सख्ती के दावे की पोल उस समय खुल गई जब वीआईपी रोड स्थित क्वीन्स क्लब में बर्थडे पार्टी का आयोजन किया गया। पार्टी में शराब भी परोसी गई, पार्टी में पिस्टल से गोली भी चली। यह घटना पुलिस के लिए सिर्फ शर्मनाक ही नहीं है बल्कि पुलिस के खोखले दावे की पोल भी खोल कर रख दी। एक तरफ गरीबों को सब्जी और किराना भी नसीब नहीं हो रहा तो दूसरी तरफ रईसजादों को पैसों के दम पर क्लबों में पार्टी भी धड़ल्ले से चल रही थी।
ये भी पढ़ें: गरियाबंद में हाथी की करंट से मौत के मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक बोले- कोई बड़ी साजिश है…
जरा सोचिए पार्टी से पहले कितने नियम कायदों को ताक में रखकर क्लब में आयोजन किया गया होगा, बिना परमिशन के आने जाने के आदेश के बाद भी क्लब में दौलतमंदों का जमावड़ा भी हुआ, क्या पुलिस को इस बात की भनक नहीं रही होगी, आखिर सड़क मार्ग से ही तो लोग गए होंगे। शहर का वीआईपी इलाका नाम से अपनी जगह का बयान कर रहा है जाहिर है कि शहर का ये सबसे खास इलाका है। जहां वीआईपी होटलों की एक लंबी श्रृंखला है। ऐसी जगह में भी इस तरह के प्रतिबंधित आयोजन खुले आम हो रहा था।
ये भी पढ़ें: राजधानी में नहीं बढ़ाया जाएगा लॉकडाउन, कल से रात 8 बजे तक खुलेंगी स…
लॉकडाउन के दौरान जहां आने जाने के लिए छात्रों को जगह जगह परिचय पत्र दिखाना पड़ रहा था, दवा लेने जाने वाले व बीमार मरीजों को पर्चियां दिखानी पड़ रही थी, दो वक्त की रोजी रोटी कमाने वाले संक्रमण रोकने के नाम पर अपनी भूखें पेट को तसल्ली दे रहे थे, वहीं रईसजादे जाम पर जाम छलका रहे थे। इससे ज्यादा लॉकडाउन का भद्दा मजाक कुछ हो नहीं सकता।
ये भी पढ़ें: बीजापुर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़, जवानों ने एक नक्सली को किया ढेर, ह…
बर्थडे पार्टी में गौर करने वाली बात यह भी है कि यहां रायपुर से लेकर भिलाई तक के रसूखदार पार्टी करने पहुंचे हुए थे। 40 किमी दूर से पहुंचने वालों को रोकने के लिए पुलिस के 40 बेरिकेट्स भी काम नहीं आए। पुलिस के वे पेट्रोलिंग दस्ते जो रातभर गश्त करते हैं उनका भी पता नहीं चला। आखिर राजधानी के लोग इस प्रकार की सुरक्षा पर सवालिया निशान क्यों नहीं लगाएंगे। एक हफ्ते पहले पुलिस प्रशासन ने ही कहा था कि यह अब तक का सबसे सख्त लॉकडाउन होगा। ऐसी सख्ती में भी वीआईपी इलाके में गोलियां चल रही हैं।
ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात के बाद NHM कार्यकर्ताओं ने…
इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, पहला यह कि भिलाई से पिस्तौल लेकर रायपुर पार्टी करने के लिए बगैर चेकिंग के कैसे वह सख्श पहुंचा? क्या पुलिस ने कहीं चेक करने की आवश्यकता महसूस नहीं की? प्रतिबंध के बाद भी कैसे इन इलाकों में होटल, ढाबे, क्लब चल रहे हैं। सिर्फ आवश्यकता इस बात की है कि आपके पास पैसे होने चाहिए फिर सब कुछ मिलेगा। अगर ऐसे ही पुलिस व्यवस्था चलती रही तब तो आम आदमी का विश्वास उठ जाएगा। फिलहाल जिला प्रशासन ने क्वीन्स क्लब को सील कर दिया है लेकिन अब कार्रवाई क्या होती है ये समय की गर्त में है।