सतना: समाज में अन्धविश्वाश की जड़ें कितनी गहरी है इस बात अंदाजा सतना में हुई एक घटना से लगाया जा सकता है। यहां एक मां को सपने में उसका बच्चा जीवित क्या दिख गया, परिजनों ने दो दिन पहले दफनाई बच्चे की लाश को कब्र से खोद निकाला और ओझा के दरबार में जा पहुंचे। हैरान करने वाली बात यह है कि पूरा गांव इस घटना को चमत्कार मान रहा है। जबकि हकिकत ये है कि बच्चे की मौत हो चुकी है और उसकी लाश सड़ने लगी है। वहीं, प्रशासन इस पूरे मामले में आंख मुंदकर बैठी है।
मामला सतना जिला मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पवैया गांव का है। जहां में सोमवार सुबह से अन्धविश्वास का खेल चल रहा। दरअसल पवैया गांव में रहने वाले लोकेश नामक व्यक्ति की पत्नी शीला का 29 अगस्त को कोटर सामुदायिक स्वास्थ्य क्रेंद में प्रसव कराया गया। बच्चा 9 महीने से पहले पैदा हो गया। नवजात की हालत गंभीर होने के चलते उसे सतना जिला अस्पताल लाया गया। यहां 31 अगस्त को डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने नवजात की लाश दफना दी थी।
वहीं, 2 दिन बाद मृतक की मां को स्वप्न आया कि उसका बच्चा जीवित है। बच्चे की मां ने जैसे ही ये बात अपने घर वालों को बताई, तो वे लाश कब्र से निकालकर घर ले आए। इसके बाद वे बच्चे की लाश को लेकर एक ओझा के पास पहुंच गए। ओझा ने भी परिजनों से यह दावा कर दिया कि वह इस बच्चे को जींदा कर देगा। कोई इस अंधविश्वास के खेल को रोकने की कोशिश नहीं किया जबकि डाक्टरो की माने तो मासूम की मौत 2 दिन पहले 31 अगस्त को ही हो चुकी थी।
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