एजुकेशन हब बनने के बाद भी परीक्षा परिणाम में आई गिरावट, स्कूली छात्र कर रहे लगातार आत्महत्या | Due to the drop in the result of education education, continuing to commit suicide by schoolchildren

एजुकेशन हब बनने के बाद भी परीक्षा परिणाम में आई गिरावट, स्कूली छात्र कर रहे लगातार आत्महत्या

एजुकेशन हब बनने के बाद भी परीक्षा परिणाम में आई गिरावट, स्कूली छात्र कर रहे लगातार आत्महत्या

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : May 20, 2019/1:04 pm IST

कोंडागांव। बीते 14 दिन में 2 स्कूली बच्चों की आत्महत्या पूरे गांव को झकझोर रही है। बता दें कि दोनों बच्चे बड़े -बड़े ख्वाब लेकर परीक्षा की तैयारी करने गए थे लेकिन मौत को गले लगा लिए। ऐसी बातें बड़े शहरों में सुनाई देती थी। लेकिन अब कोण्डागांव के ग्रामीण अंचल भी इस तरह की बात सामने आई है।जिसे सुनने के बाद पूरा गांव चिंतित है। निकल कर सामने आने से सभी चिंतित है।बता दें कि 6 मई के दिन डीएव्हीं एमएम देवखरगांव में 12वीं की परीक्षा में शामिल आकांक्षा ने परिणाम देखने के बाद आत्महत्या कर लिया, इसके बाद बड़ेडोंगर क्षेत्र के सुरेंद्र यादव ने 16-17 मई की दरमियान नदी में डुबकर अपनी जान दे दी। अब स्कूलों के खराब परिणाम और उसके दबाव में आकर बच्चों के उठाए जा रहे घातक कदम पर प्रशासन भी सोचने के लिए मजबूर हो चुकी है। इस विषय में अधिकारियों का कहना है कि, जल्द सभी स्कूले के प्राचार्यों से बैठक कर इन मामलों पर चर्चा किया जाएगा।
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ज्ञात हो कि प्रशासनिक पहल के चलते कोण्डागांव जिला को एजुकेश्न हब बनाए जाने की बात कही जा रही है। छोटे-छोटे कदम बढ़ाते हुए यहां नवोदय, एकलव्य, डीएव्हीं एमएम स्कूल, आईटीआई, नर्सिंग काॅलेज, नीट-एनआइआइटी जैसे प्रायोगिक परीक्षा की तैयारी का संचालन शुरू हो चुका है। तो वहीं पॉलिटेक्निक काॅलेज, कृषि महाविद्यालय आदि का भी जल्द कोण्डागांव में शुभारंभ हो सकता है।
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इन सब से अलग अब पढ़ाई को लेकर स्कूली बच्चें स्वयं को दबाव में महसूस कर रहे है। शायद इसी का परिणाम है कि, स्कूली बच्चें अब घातक कदम उठा रहे है।हालांकि इस पूरे मामले पर जिला के अधिकारियों का कुछ और ही कहना है। स्कूली परिणाम में कमी और उसके बाद बच्चों के आत्महत्या के मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी राजेश मिश्रा का कहना है कि कई कारण है जिनके कारण परिणामों में कमी आई है। जल्द ही स्कूल के प्राचार्यों के साथ बैठक आयोजित कर परिणामों को लेकर गहण समीक्षा की जाएगा। वहीं कोण्डागांव कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने कहा कि, यह वर्ष चुनावी वर्ष था। इस कार्य में काफी शिक्षक लगे रहे, और इसका ही सीधा कारण है कि, स्कूल परिणाम में कमी देखी गई है।

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