आतंकियों को दिल्ली तक पहुंचाने DSP के पास था प्लान, आर्मी बेस के नजदीक बना रहा था मकान, वीरता पदक लिया जाएगा वापस | DSP had plan to reach terrorists to Delhi House was being built near army base Bravery medal will be taken back

आतंकियों को दिल्ली तक पहुंचाने DSP के पास था प्लान, आर्मी बेस के नजदीक बना रहा था मकान, वीरता पदक लिया जाएगा वापस

आतंकियों को दिल्ली तक पहुंचाने DSP के पास था प्लान, आर्मी बेस के नजदीक बना रहा था मकान, वीरता पदक लिया जाएगा वापस

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Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 PM IST
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Published Date: January 13, 2020 4:28 pm IST

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह आतंकी नविद बाबा के साथ गिरफ्तार किए गए है। जम्मू-कश्मीर में शनिवार को सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह को गिरफ्तार किया गया था। दविंदर सिंह से जल्द ही इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ की टीम पूछताछ करेंगी। वहीं खबरें ये भी हैं कि दविंदर का राष्ट्रपति मेडल भी छीना जा सकता है। इस बीच यह भी खुलासा हुआ है कि दविंदर सिंह श्रीनगर में आर्मी बेस के निकट अपना एक घर भी बनवा रहा था।

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गृह मंत्रालय को देविंदर सिंह के संबंध में पूरी जानकारी मिली है। गृह मंत्रालय ने इस पूरे मसले पर बेहद सख्त रुख अपनाने और मामले की पूरी पड़ताल करने को कहा है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पदक वापस लेना सामान्य प्रक्रिया है। ऐसे मामलों में बहुत ही सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। अगर देविंदर सिंह दोषी है तो उसके साथ आतंकियों की तरह ही कार्रवाई होगी। सूत्रों के मुताबिक आईबी, रॉ और सेना की खुफिया टीमें देविंदर से पूछताछ कर रही है। एनआईए भी भी देविंदर सिंह और आतंकी नवीद से पूछताछ करेगी ।

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सूत्रों के मुताबिक अब तक हुई जांच में पता चला है कि DSP देविंदर पिछले कई सालों आतंकियों को ठिकाना उपलब्ध कराता था। DSP देविंदर इसके बदले आतंकियों से मोटी रकम वसूलता था। सूत्रों ने कहा कि देविंदर अपनी पहुंच और विश्वसनीयता का गलत इस्तेमाल कर रहा था। उसने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल कर आतंकियों को मदद पहुंचाई। एजेंसियां उसकी संपत्ति की भी जांच करेंगी। देविंदर हिजबुल आतंकी नविद और आसिफ अहमद को कुछ महीनों के लिए ठिकाना मुहैया करवाने के लिए चंडीगढ़ ले जा रहा था। जिस वक्त सिंह को गिरफ्तार किया गया तब एक संदिग्ध आतंकी इरफान अहमद मीर गाड़ी चला रहा था। उसे पुलिस ने कुलगाम जिले में हाईवे पर रोका था।

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जानकारी के मुताबिक इरफान अहमद मीर पांच बार पाकिस्तान जा चुका था और पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या देंविदर और मीर मिलकर आतंकियों को वापस जाने या किसी बड़े हमले की साजिश तो नहीं रच रहे थे। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पिछले कुछ सालों से DSP देविंदर आतंकियों को जम्मू में सर्दियों के मौसम में ठिकाना मुहैया कराता था।