रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार प्रदेश आकाल का खतरा मंडरा रहा है। मानसून आने के एक माह बाद भी प्रदेश में बारिश की बेरूखी देखी गई है। प्रदेश का आधा से अधिक हिस्सा अभी भी सूखे की जद में है। हालात ऐसे है कि अब खेतों में दरार पड़ने लगे हैं। ज्ञात हो कि साल 2017 में छत्तीसगढ़ के 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया था।
हालांकि मौसम विभाग ने गुरुवार को अलर्ट जारी करते हुए प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग द्वारा जारी निर्देश में रायपुर, गरियाबंद, बस्तर, कांकेर, बीजापुर, धमतरी, महासमुंद, कोंडागांव और सुकमा जिले में आगामी 24 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, धमतरी, बालोद, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों को आगामी 48 घंटे के लिए चेतवानी जारी की गई है।
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वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में अब तक हुए बारिश के आंकड़ों को देखा जाए तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर सप्ताह भर के भीतर बारिश नहीं हुई तो इस साल भी प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में आ सकता है। जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 18 जिलों में औसत से कम वर्षा हुई है। इससे न केवल किसान बल्कि सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। सभी जिलों में कलेक्टर बारिश की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। अगले चार-छह दिनों में बारिश नहीं हुई तो सूखा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
यहां देखें किस जिले में हुई कितनी बारिश
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