कोरिया। जिले के चिरमिरी में SECL प्रबंधन ने अपने 32 श्रमिकों को नाम में मात्रात्मक त्रुटि के कारण डिसमिस कर दिया था। प्रबंधन द्वारा यह कार्यवाही श्रमिकों के रिटायरमेंट होने के कुछ दिन पहले की गई। साढ़े पांच सौ से ज्यादा ऐसे श्रमिक हैं जिनकी शिकायत एसईसीएल प्रबंधन को किये जाने की बात सामने आई । प्रबंधन द्वारा शिकायत मिलने के बाद जांच भी बैठाई गई पर मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल के हस्तक्षेप के बाद अभी इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिन 32 श्रमिकों को डिसमिस किया गया है उनकी बहाली की मांग लगातार विनय जायसवाल द्वारा की जा रही है ।
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दरअसल, इन श्रमिकों के परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है । SECL द्वारा न तो डिसमिस करने की फ़ाइल दी जा रही है और न ही न्यायालय के आदेश के बाद बकाया पैसा दिया जा रहा है। वेस्ट चिरमिरी में रूफ बोल्टर पद पर लखन नामक श्रमिक को तीस साल तक काम करने के बाद लक्ष्मन बताकर रिटायरमेंट के ठीक एक दिन पहले अक्टूबर 2018 में डिसमिस कर दिया गया। वहीं अल्ताफ खान नामक श्रमिक जो चिरमिरी ओपनकास्ट में मैकेनिकल फिटर पद पर काम करता था उसे 27 अक्टूबर 2017 को बर्खास्त कर दिया गया। अल्ताफ 1981 में इंटरव्यू देने के बाद भर्ती हुआ था जिसे पिताजी के गलत नाम के चलते डिसमिस किया गया।
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बर्खास्त श्रमिकों की बहाली को लेकर मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल ने कुछ दिनों पहले चिरमिरी में SECL के महाप्रबंधक कार्यालय पर अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया था। 24 जून को इसे लेकर एक बैठक की जानी है देखना होगा श्रमिकों की बहाली को लेकर क्या निर्णय हो पाता है। श्रमिक गलत तरीके से सत्यपूजन मिश्रा नामक व्यक्ति की शिकायत पर कार्यवाही करने की बात कह रहे हैं वहीं विधायक जांच अधिकारियोंं पर कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं। महाप्रबंधक घनश्याम सिंह पूछने पर सिर्फ इतना कह रहे हैं कि यह बिलासपुर मुख्यालय स्तर की बात है ।
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