भोपाल: दमोह उपचुनाव में हार से भले ही प्रदेश सरकार की सेहत पर इसका कोई फर्क ना पड़ा हो, लेकिन हार को लेकर बीजेपी में कलह जारी है। प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी का हार के लिए पूर्व मंत्री जयंत मलैया को जिम्मेदार ठहराने पर पार्टी में उठा सियासी तूफान शांत भी नहीं हुआ था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक अजय विश्नोई ने ट्वीट किया है कि क्या हार की जवाबदारी टिकट बांटने वाले और चुनाव प्रभारी लेंगे? दरअसल बीजेपी विधायक का ये ट्वीट दमोह में एसपी-कलेक्टर को हटाने के बाद आया है, लिहाजा ट्वीट के बहाने कांग्रेस बीजेपी संगठन और सरकार पर हमलावर है। जबकि सत्ता पक्ष अपने नेताओं के बचाव कर रहा है।
दमोह उपचुनाव में पूरी ताकत झोंकने के बाद भी बीजेपी प्रत्याशी को मिली हार पर रार थमने का नाम नहीं ले रहा, नतीजे आने के बाद राहुल लोधी का पूर्व मंत्री जयंत मलैया और उनके परिवार पर हार का ठीकरा फोड़ने पर मचा बवाल शांत भी नहीं हुआ था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक अजय विश्नोई ने एक बार फिर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है। बीजेपी विधायक ने ट्वीट कर संगठन से सवाल पूछा कि क्या हार की जवाबदारी टिकट बांटने वाले और चुनाव प्रभारी लेंगे ? जाहिर है अजय विश्नोई का ट्वीट ऐसे समय आया है जब हार के बाद सरकार ने दमोह के एसपी और कलेक्टर दोनों को हटा दिया। बीजेपी संगठन ने जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस और उनके बेटे सहित पांच मंडल अध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही की है। मौके पर चौका मारते हुए कांग्रेस ने सीधे-सीधे बीजेपी सरकार और संगठन पर आरोप लगाया कि डीएम-एसपी के तबादले क्या अब तक बीजेपी इन्हीं के बल पर जीतती आई है।
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दमोह उपचुनाव में हार के बाद सरकार और संगठन ने अपने स्तर कार्यवाही कर संकेत देने की कोशिश की है कि हार के जिम्मेदारों को छोड़ा नहीं जाएगा। दरअसल उपचुनाव हारने के बाद बीजेपी उम्मीदवार राहुल लोधी ने आरोप लगाया था कि जयंत मंलैया ने भितरघात किया है। उन्होंने मलैया और उनके पुत्र सिद्धार्थ पर मीडिया के सामने आरोप लगाए थे। इसके बाद बीजेपी ने ने चुनाव परिणाम आने के 5 दिन बाद एक्शन लिया है।
दमोह में सरकार रहते उपचुनाव के हार के सदमे से बीजेपी निकल नहीं पाई है। राहुल लोधी का विरोध इस बात से समझा जा सकता है कि मतगणना में एक राउंड छोड़ उन्हें हर राउंड में कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के अजय टंडन ने बीजेपी के राहुल लोधी को 17 हजार से ज्यादा वोटों से हराया जबकि दमोह में मुख्यमंत्री, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सहित कई 20 मंत्रियों ने इस उपचुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। ऐसे में हार और कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगे है, लेकिन सबसे बडा सवाल है कि पार्टी अंतर्कलह से कब और कैसे उबर पाएगी?