धमतरी। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के 2 साल 17 दिसंबर को पूरा हो जाएगा। इस मौके पर प्रदेश सरकार विकास की उपलब्धियों को ”बात हे अभिमान के | छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के” नारे के साथ जनता के सामने रख रही है। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार बनने के बाद से ही प्रदेश की तरक्की के लिए अनेक क्रांतिकारी कार्य हो रहे हैं। जिससे अब प्रदेश विकास की एक नई इबारत लिख रहा है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल गांवों और शहरों को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। जिसका असर अब साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सत्ता संभालते ही सुगम आवागमन के लिए सड़कों का जाल बिछा रहे हैं। जिससे लोगों की राह आसान हो।
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शहर से लेकर गांवों तक विकास
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी के तहत शहर से लेकर गांवों तक फैला। विकास और स्वच्छता के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। इसके तहत तमाम अधिकारी, कर्मचारी प्रदेश सरकार के इस योजना को अमल में लाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की घोषणा हो चुकी है। इसमें अबकी बार धमतरी नगर निगम ने प्रदेश के अन्य शहरों को पीछ छोड़ दिया। धमतरी शहर ने 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले शहरों में प्रथम स्थान हासिल किया है। शहर ने लगातार स्वच्छता क्षेत्र में बेहतर काम किया है। 170 से अधिक महिलाओं के सतत प्रयासों से डोर-टू-डोर बेहतर कचरा प्रबंधन के चलते धमतरी को ये स्थान मिला। इसे लेकर नगर-निगम उत्साहित है। शहरवासियों के मुताबिक प्रदेश सरकार की ठोस नीति और उचित मार्गदर्शन के चलते ये गौरव मिला है।
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नगर निगम में बड़े पैमाने पर हुए कार्य
निगम प्रशासन के मुताबिक स्वच्छता को लेकर धमतरी नगर निगम में बड़े पैमाने पर कार्य हुए। जिससे शहर में सफाई का स्तर सुधरा है। मौजूदा वक्त में 176 महिलाओं ने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन किया। इसके लिए शहर के 40 वार्डों में 10 एसएलआर सेंटर बनाए गए हैं। जहां पर कचरा जमा होता है। प्रतिदिन औसतन 23 क्विंटल कचरा एसएलआर सेंटर तक पहुंचता है। शहर को संवारने और लोगों को जागरूक बनाने के लिए जगह-जगह वॉल पेंटिंग बनाई गई हैं। कचरे का व्यवस्थित निबटान हो रहा है। दूसरी तरफ खुले में शौच से मुक्त होने के चलते शहर में सफाई का स्तर बढ़ा है।
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विकास का सबसे अहम जरिया और पैमाना सड़क है। धमतरी जिले के भोयना से मगरलोड मार्ग संकरा होने के साथ.साथ बेहद जर्जर हो चुका था। सड़क के चौड़ीकरण की मांग लगातार उठती रही। खराब सड़क आए दिन हादसे की वजह बनती है। लोगों की मांग पर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने एडीबी से करीब 66.72 किलोमीटर बनाने की स्वीकृति प्रदान की। जिसकी लागत कुल 201 करोड 62 लाख रुपए है। सडक निर्माण को करीब 18 माह में पूरा करने का टार्गेट है, और सडक निर्माण की गति को देखकर लगता है कि आने वाले कुछ ही महिनों में सडक का काम पूरा हो जायेगा। इस बात से स्थानीय लोग और राहगीर बेहद खुश हैं। उनके मुताबिक प्रदेश सरकार की विकासवादी नीति के चलते उन्हें सडक की सौगात मिली है। जिसके लिए लोग प्रदेश सरकार का आभार जता रहे हैं।
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प्रदेश में सत्ता में आने के बाद भूपेश बघेल की सरकार जनभावना से जुड़े मुद्दे और कामों को ही प्राथमिकता दे रही है जिससे अंतिम व्यक्ति तक फायदा पहुंच रहा है। जिले में भोयना मगरलोड मार्ग निर्माण होने से इलाके में खुशहाली और तरक्की की उम्मीद बढ़ी है।