डेंटल अस्पतालों की कारस्तानी हुई उजागर, स्मार्ट कार्ड की रकम के लिए छात्राओं के सही दांतो में भी कस दिए तार | Dental hospitals exposed Girl students tighten wires in right teeth for smart card money

डेंटल अस्पतालों की कारस्तानी हुई उजागर, स्मार्ट कार्ड की रकम के लिए छात्राओं के सही दांतो में भी कस दिए तार

डेंटल अस्पतालों की कारस्तानी हुई उजागर, स्मार्ट कार्ड की रकम के लिए छात्राओं के सही दांतो में भी कस दिए तार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : January 7, 2020/4:43 pm IST

रायपुर । राजधानी के अभनपुर में हुए डेंटल घोटाले में प्राइवेट डेंटल अस्पतालों में स्मार्ट कार्ड से पैसे तो निकाल लिए लेकिन अभी भी छात्राओं के दांत सही नहीं हुए हैं। अभी भी छात्राओं के दांत टेढ़े-मेढ़े ही हैं, मामले की पड़ताल में पता चला है कि दांत में तार लगाने के बाद अस्पताल की तरफ से फालोअप ही नहीं किया गया है। रायपुर के अभनपुर के स्कूलों में कैंप के दौरान छात्राओं से परिजनों का मोबाइल नंबर लेकर डेंटल हास्पीटल की टीम, परिजनों से कांटेक्ट करने में जुट गई। परिजनों से पता पूछकर टीम घर-घर संपर्क करने लगी, पीड़ितों को समझाया गया कि उनके बेटियों के दांत टेढ़े-मेढ़े हैं। तार लगाकर उन्हें सही कर दिया जाएगा। जिन छात्राओं को फिलिंग की जरुरत थी, उनसे मुफ्त में फिलिंग करने का भी वादा किया गया। इलाज मुफ्त है लेकिन रिकार्ड मेंटेन करने आधार कार्ड और स्मार्ट कार्ड लाना जरुरी होगा।

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इलाज के बाद संबंधित छात्राओं से स्मार्ट कार्ड से 10-10 हजार रुपए निकाल लिए गए। मैसेज आने के बाद उनको इस बात की जानकारी लगी। परिजन जब तैयार हो गए तो छात्राओं को अस्पताल लाने के लिए डेंटल अस्पताल की तरफ से गाड़ी भेजी गई, तार लगाए गए, जब पैसे निकल गए तो अस्पतालों ने छात्राओं की सुध लेनी बंद कर दी। फालोअप नहीं होने से उनके दांत में लगे तार ढ़ीले होकर गिरने लगे। जबकि दांत में तार लगवाने के बाद बार-बार टाइट करवाना होता है। लेकिन दूरी अधिक होने के कारण छात्राएं शहर नहीं आ सकीं और तार लगाना ही छोड़ दिया। पड़ताल में यह भी पता चला कि जिनके दांत सही थे, उन्हें भी तार लगा दिया गया था।

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रायपुर में अभनपुर के सटे इन गांवों की दूरी लगभग 35 किलोमीटर दूर होगी। इधर स्माट कार्ड से पैसे निकालने के बाद अस्तालों ने छात्राओं से कह दिया फालोअप के लिए अपनी गाड़ी से रायपुर आना होगा। जिससे न तो छात्राएं अस्पताल आ सकीं और न ही उनके दांत ही सही हुए। ऐसे में स्मार्टकार्ड के पैसे का लाभ छात्राओं को नहीं मिल सका।