लोकतंत्र सम्मान Vs 'खुशहाली दिवस'...सत्ता पलट के बाद कौन किस पर भारी? | Democracy Honor Vs 'Happiness Day' ... Who is heavy on whom?

लोकतंत्र सम्मान Vs ‘खुशहाली दिवस’…सत्ता पलट के बाद कौन किस पर भारी?

लोकतंत्र सम्मान Vs 'खुशहाली दिवस'...सत्ता पलट के बाद कौन किस पर भारी?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : March 20, 2021/6:11 pm IST

भोपाल: राजनीती में कोई मित्र नहीं होता हैं और न ही कोई शत्रु होता है, ये सब समय, स्थान और परिस्थिति पर निर्भर करता है। आप काफी वक्त से इसे सुनते आ रहे होंगे, लेकिन सियासत की ये हकीकत आप मध्यप्रदेश में देख सकते हैं। जहां सिंधिया के पाला बदलने के कारण सत्ता से बेदखल हुई कांग्रेस सड़क पर लोकतंत्र सम्मान यात्रा निकाल रही है तो 2018 के चुनावों में दूसरे नंबर पर रही बीजेपी सरकार चला रही है। कांग्रेस लोकतंत्र सम्मान दिवस के बहाने बीजेपी को कोस रही है, तो बीजेपी खुशहाली दिवस पर पावर लंच के जरिए खुद को एकजुट बताने में जुटी है।

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राजभवन के बाहर से आज से ठीक एक साल पहले इसी राजभवन में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा था। एक साल के दौरान उपचुनाव हुए और बीजेपी 109 सीट से बढकर 126 पर पहुंच चुकी है। बीजेपी सत्ता में है और कांग्रेस सड़क पर लोकतंत्र सम्मान दिवस मना रही है और शायद इसलिए कहा जाता है सियासत अनिश्चिताओं का दूसरा नाम है।

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ये तस्वीरें भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर की है जहां कांग्रेस लोकतंत्र सम्मान दिवस के तहत प्रदर्शन कर रही थी। हर जिला मुख्यालय पर किए गए इस तरह के कार्यक्रम में इलाके के बड़े नेता मौजूद रहे। सुबह सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वो चाहते तो बीजेपी के विधायकों को खरीद कर सरकार बचा सकते थे। लेकिन लोकतंत्र के खातिर उन्होंने ऐसा नहीं किया और यही आज के पूरे कार्यक्रम का आधार रही। लोकतंत्र सम्मान दिवस के तहत कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा निकाली। महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और 2023 में सरकार बनाने की शपथ ली। वैसे कांग्रेस के इस प्रदर्शन से कहा जा सकता है कि संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी अब हर मौके को भुनाने में जुट चुकी है।

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मुख्यमंत्री निवास के अंदर ली गई इस तस्वीर में मुख्यमंत्री और सिंधिया साथ खड़े हैं। दरअसल मुख्यमंत्री निवास में आज सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल होने मंत्रियों के लिए लंच रखा गया था, जिसमें शिवराज मंत्रिमंडल के कई मंत्री प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा समेत बीजेपी के कई बड़े पदाधिकारी मौजूद थे। अभी तक निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी दोनों ही पार्टियों का पूरा ध्यान अब दमोह उपचुनाव पर है। भले ही एक सीट पर जीत हार से किसी को भी असर नहीं पड़ने वाला लेकिन दमोह उपचुनाव के परिणाम मुमकिन है भविष्य की राजनीति पर असर डालने वाले साबित हो।

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