गुवाहाटी। पूर्वोत्तर में लंबे समय से जारी एक अलग राज्य बोडोलैंड की मांग में अब विराम लग सकता है। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार के साथ ये अलग राज्य की मांग करने वाले संगठन समझौता कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें:एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार ने जारी की सूचना, बोल…
इसके साथ ही बोडोलैंड की मांग करने वाले चार गुटों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला लिया है। जिसके तहत अब बोडोलैंड की मांग नहीं की जाएगी, नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ बोडोलैंड (NDFB) की अगुवाई में अलग राज्य की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार की ओर से सख्त रुख अख्तियार करने के बाद तस्वीर पूरी तरह से बदल गई। सरकार की ओर से कुछ आर्थिक पैकेज, अधिकारों का ऐलान किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा शाहरुख खान का वीडियो, कहा- मैं मुसलमान …
सरकार की ओर से बोडो गुटों की मांग को मानते हुए एक अलग यूनिवर्सिटी, कुछ राजनीतिक आधार, बोडो भाषा के विस्तार पर फैसला किया जा सकता है। इस दौरान NDFB संगठन के रंजन दैमिरी, गोविंदा बासुमैत्री, धीरेन बोरे और बी. सारोगैरा समेत अन्य प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैंं। बता दें कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे से ऊपरी हिस्से पर एक अलग राज्य की मांग की जा रही थी, अलगाववादियों की ओर से भाषा, संस्कृति की मांग और अन्य अधिकारों को लेकर लंबे समय से अलग राज्य की मांग की गई थी।
ये भी पढ़ें: पांच साल की बच्ची के साथ दरिंदगी, बेहोशी की हालत में मिली मासूम
केंद्रीय गृह मंत्रालय और बोडो संगठनों के बीच ये फैसला तब हो रहा है, जब दो दिन पहले ही सैकड़ों की संख्या में अलगाववादियों ने आत्मसमर्पण किया था, असम के आठ प्रतिबंधित संगठनों से ताल्लुक रखने वाले कुल 644 उग्रवादियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल के समक्ष गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया था। इनका संबंध उल्फा (I), NDFB, आरएनएलएफ, केएलओ, सीपीआई (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी से था।
ये भी पढ़ें: CAA के खिलाफ यूरोपीय संसद में पेश किया गया प्रस्ताव, बुधवार को होगी…