छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के शुरू होने से पहले उठी स्थगन की मांग, मसले पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने | Demand for postponement before commencement of Chhattisgarh assembly session

छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के शुरू होने से पहले उठी स्थगन की मांग, मसले पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने

छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के शुरू होने से पहले उठी स्थगन की मांग, मसले पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : August 16, 2020/9:04 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 25 अगस्त से शुरू हो रहा है लेकिन इससे पहले कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी संगठन ने सरकार से मांग की है कि विधानसभा का यह सत्र तत्काल स्थगित किया जाना चाहिए।

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संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना काल के बीच यह सत्र आयोजित करने की वजह से व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में मंत्रालय संचालनालय और अन्य कार्यालय समेत सभी जिला कार्यालयों के लिए कोई न कोई कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में हैं। इसकी वजह से कार्यालय बंद है।

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पदाधिकारियों के मुताबिक विधान सभा से संबंधित प्रश्नों का जवाब कर्मचारियों के माध्यम से भेजा जाता है। पदाधिकारियों का कहना है कि जरूरी विधेयक समेत अन्य कार्यों को एक दिन की बैठक में पूरा कर लिया जाए।

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वहीं इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेता आमने सामने हो गए हैं तो भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि सरकार की नाकामियों की वजह से यह स्थिति हो रही है। उनका कहना है कि कर्मचारियों के नाम पर यह सरकार जवाबदेही से बचना चाहती है। उपासने का कहना है कि अगर मंत्रियों को अपने विभागों की जानकारी नहीं है।

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इसका मतलब साफ़ है कि यह सरकार अधिकारियों के भरोसे चल रही है। उपासने के इस बयान पर कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बड़ा पलटवार किया है। उनका कहना है कि संवैधानिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए यह सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ प्रश्नों के जवाब आंकड़ों में देने होते हैं इस स्थिति में सरकार सभी प्रश्नों का जवाब ज़मीनी स्तर में देना चाहती है लेकिन भाजपा क्या चाहती है कि बिना ज़मीनी स्तर के जवाब दे दिया जाए ? भाजपा जानती है कि अगर वास्तविक जवाब सामने आएंगे तो उनके परखच्चे उड़ जाएंगे।