विकास के लिए तरस रहे इस शहर को न्यायिक राजधानी बनाने की मांग, प्रदेश गठन के समय किया वादा दिलाया जाएगा याद | Demand for development to make this city a judicial capital Promise made during state formation will be remembered

विकास के लिए तरस रहे इस शहर को न्यायिक राजधानी बनाने की मांग, प्रदेश गठन के समय किया वादा दिलाया जाएगा याद

विकास के लिए तरस रहे इस शहर को न्यायिक राजधानी बनाने की मांग, प्रदेश गठन के समय किया वादा दिलाया जाएगा याद

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 PM IST
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Published Date: January 22, 2020 4:10 pm IST

जबलपुर। आंध्रप्रदेश के कुर्नूल की तर्ज पर जबलपुर को प्रदेश की न्यायिक राजधानी बनाने की मांग पर शहर के तमाम सामाजिक संगठन एकजुट हो गए हैं। जबलपुर को न्यायिक राजधानी बनाने के समर्थन में नर्मदा जयंती के अवसर पर एक फरवरी से पूरे महाकौशल में अभियान की शुरुआत की जाएगी।

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सामजिक संगठनों की दलील है कि भोपाल को प्रदेश की राजधानी बनाने के बदले जबलपुर को हाईकोर्ट मिला था लेकिन न्यायालय से जुड़े आयोग, ट्रिब्यूनल और बोर्ड जैसी संस्थाओं को दूसरे शहरों में स्थापित कर दिया गया। इससे जबलपुर, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का मुख्यालय होते हुए भी प्रदेश की न्यायिक राजधानी नहीं बन सका।

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बता दें कि 20 जनवरी को आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों के समान विकास बिल 2020 को विधानसभा में पारित किया है जिसमें आंध्रप्रदेश कार्यकारी, विधि और न्यायिक ऐसी तीन राजधानियां बनाई गईं है। आंध्र प्रदेश सरकार ने तीन राजधानियों का मकसद प्रदेश के सभी क्षेत्रों को महत्व देना बताया है। इसी को आधार मानते हुए जबलपुर के आम नागरिक मित्र फाउंडेशन, नागरिक उपभोक्ता मंच, पेंशनर्स समाज, सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन, किसान समिति और अन्य संगठनों की तरफ से सीएम कमलनाथ सहित हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, हाई कोर्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन और जिला न्यायालय बार एसोसिएशन को पत्र लिखा गया है, और जबलपुर को प्रदेश की न्यायिक राजधानी बनाने की मांग की है।

 
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