नई दिल्ली। रविवार से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हो रही हिंसा अब थम चुकी है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो चुकी है। वहीं आज फिर एक बार दिल्ली हाईकोर्ट में भड़काऊ भाषण देने वालों पर एफआईआर हो या नहीं इस पर सुनवाई हुई।
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Solicitor General Tushar Mehta, representing Delhi Police, says petitioner in his wisdom selected 3 speeches as hate speech but there are many such hate speeches. SG Tushar Mehta also prays for allowing application seeking impleadment of Union of India as a party to the petition. https://t.co/OQ4cailKJj
— ANI (@ANI) February 27, 2020
दिल्ली पुलिस उच्च न्यायालय को अपनी दलील में बताया कि एक सचेत निर्णय में, उन्होंने इस स्तर पर किसी के खिलाफ अभद्र भाषा के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का फैसला किया है। इस कार्रवाई से दिल्ली में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद नहीं मिलेगा। दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्होंने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा मामले में 48 एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं मामले में 106 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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Delhi High Court makes Centre a party in the North East Delhi violence case. https://t.co/hXch8jLh5J
— ANI (@ANI) February 27, 2020
बता दें कि बुधवार को दिल्ली हिंसा पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। कोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई नहीं करने पर फटकार लगाई थी। वहीं आज दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने 13 अप्रैल के लिए मामले को सूचीबद्ध किया है।
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