नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दो वरिष्ठ नेता, पूर्व सीएम और सबसे बड़ी बात दिल्ली के पहले सीएम मदनलाल खुराना की सीट भी नही बची। साथ में साहिब सिंह वर्मा का जिक्र भी जरूरी हो जाता है। ये दोनों ही नेता दिल्ली में बीजेपी की पहचान थे। मदनलाल खुराना के तो कद को देखते हुए उन्हे केन्द्र में मौका मिला और वे मंत्री बने थे। वहीं साहिब सिंह वर्मा शालीमार बाग के विधानसभा बनने के साथ ही पहले विधायक के रूप में चुने गए थे लेकिन बीजेपी इस बार भी अपने दो वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम की सीट नहीं बचा सकी।
नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली मोतीनगर विधानसभा सीट पर 1972 में पहली बार चुनाव कराया गया था, तब कांग्रेस नेता केसी मलिक यहां से विधायक चुने गए थे, उन्होंने भारतीय जनसंघ के नेता तिलकराज वर्मा को हराया था, लेकिन इसके बाद बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा जमा लिया और लगातार 7 बार जीत हासिल की, इन सभी चुनावों में कांग्रेस दूसरे नंबर की पार्टी रही, बीजेपी के नेता मदन लाल खुराना इस सीट पर सर्वाधिक 4 बार चुनाव जीते, जबकि बीजेपी के ही सुभाष सचदेवा लगातार 3 बार विधायक रहे, वर्तमान में यह सीट आम आदमी पार्टी के पास और उसके नेता शिव चरण गोयल यहां से विधायक हैं, मेट्रो की सुविधा वाला यह इलाका पंजाबी बाग से सटा हुआ हैं।
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शालीमार बाग विधानसभा सीट दिल्ली के पुराने इलाकों में से एक मानी जाती है, 1993 में इस इलाके को विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया था, इस दौरान बीजेपी के साहिब सिंह यहां से पहले विधायक चुने गए थे, यह क्षेत्र बीजेपी का गढ़ माना जाता है, शालीमार बाग सीट से बीजेपी ने लगातार चार बार जीत दर्ज की, बीजेपी के रविंद्र नाथ बंसल यहां से लगातार तीन पर विधायक चुने गए, वर्तमान में इस सीट से आम आदमी पार्टी की बंदना कुमारी विधायक हैं, वह 2013 और 2015 में लगातार दूसरी बार विधायक चुनी गईं। बता दें, यह विधानसभा सीट 2008 के बाद चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
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