दिल्‍ली विधानसभा चुनाव 2020 : पालम में रोचक हो सकता है मुकाबला, बीजेपी के गढ़ में आप ने लगाई थी सेंध | Delhi Assembly Elections 2020: Competition can be interesting in Palam AAP had made a dent in BJP's stronghold

दिल्‍ली विधानसभा चुनाव 2020 : पालम में रोचक हो सकता है मुकाबला, बीजेपी के गढ़ में आप ने लगाई थी सेंध

दिल्‍ली विधानसभा चुनाव 2020 : पालम में रोचक हो सकता है मुकाबला, बीजेपी के गढ़ में आप ने लगाई थी सेंध

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 PM IST
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Published Date: January 28, 2020 6:08 pm IST

नई दिल्ली । पालम दिल्‍ली की बड़ी कॉलोनी के रूप में जानी जाती है। पालम विधानसभा सीट का गठन 1972 में किया गया था। तब के चुनाव में यहां से कांग्रेस के मांगे राम विधायक चुने गए थे। उन्‍होंने भारतीय जनसंघ के नेता रामधन को हराया था। 2003 से लगातार 3 बार से यहां पर बीजेपी को जीत मिल रही थी।

2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी की प्रत्‍याशी भावना गौर ने भाजपा के धरम देव सोलंकी को हराया। पालम विधानसभा सीट की गिनती वर्ष 2015 से पहले उन सीटों में होती रही है, जहां मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच होता था।

यदि 1993 से चुनावी इतिहास देखें तो पालम विधानसभा सीट पर कांग्रेस को सिर्फ एक बार सफलता मिली है। 1993 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के धरम देव सोलंकी जीते। 1998 का ही एक मात्र चुनाव है जिसमें यहां से कांग्रेस को जीत मिली और महेंद्र यादव विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद 2003, 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट पर धरम देव सोलंकी लगातार जीत हासिल करते रहे।

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इस सीट पर विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी की भावना गौड़ विधायक चुनी गईं। दिल्ली विधानसभा की सभी सीटों की तरह पालम में भी मुकालबा कांग्रेस और बीजेपी के बीच हुआ करता था, लेकिन 2013 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने एंट्री की और 2015 में शानदार जीत दर्ज की ।

पालम विधानसभा सीट का गणित

पालम विधानसभा सीट के तहत आने वाली कुल आबादी में अनुसूचित जाति का अनुपात 10.85 फीसदी है. मतदाता सूची 2019 के मुताबिक यहां 2,39,360 मतदाता 232 पोलिंग केंद्रों पर मतदान करेंगे। 2015 के विधानसभा चुनावों में यहां 65.01% वोटिंग हुई. इसमें बीजेपी, कांग्रेस, और आम आदमी पार्टी को क्रमशः 35.07%, 7.13% और 55.96% वोट मिले।

पालम के अहम मुद्दे-
हर इलाके के कुछ अलग मुद्दे होते हैं तो कुछ मुद्दे कॉमन होते हैं, इसी आधार पर लोग वोट करते हैं। पालम की परेशानियों और मुद्दों के हिसाब से बिजली-पानी के अलावा प्रदूषण के साथ स्वच्छता भी एक बड़ा मुद्दा है।

आमने-सामने-
आम आदमी पार्टी- भावना गौड़
बीजेपी- विजय पंडित
कांग्रेस – निर्मल कुमार सिंह (आरजेडी)

विधानसभा चुनाव 2015

भावना गौड़ (आम आदमी पार्टी)- 82,637(55.96%)

धरम देव सोलंकी (बीजेपी) – 51,788(35.06%)

मदन मोहन (कांग्रेस)- 10,529(7.13%)

विधानसभा चुनाव 2013

धरम देव सोलंकी (बीजेपी)- 42,833(33.30%)

भावना गौड़ (आम आदमी पार्टी)- 34,661(26.79%)

मदन मोहन (बसपा)- 24,862(19.33%)

2013-2015 में क्या थी चुनावी स्थिति

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दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे और परिणाम दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं जिसमें से 58 सामान्य श्रेणी की है जबकि 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में कुल 1,46,92,136 मतदाता हैं, जो कुल 2,689 स्थानों पर स्थापित किए गए कुल 13,750 मतदान केंद्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। दिल्ली में पुरुष मतदाताओं की तादाद 80,55,686 है, जबकि यहां कुल 66,35,635 महिला मतदाता हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 815 मतदाता थर्ड जेंडर के हैं, जबकि अप्रवासी भारतीय (NRI) मतदाताओं की संख्या 489 है। दिल्ली में गर्वमेंट सर्विस वोटरों की कुल संख्या 11,556 है, जिनमें से 9,820 पुरुष मतदाता हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में 55,823 मतदाता दिव्यांग श्रेणी के भी हैं।