नईदिल्ली। शकूरपुर बस्ती विधानसभा से आप के विधायक और मंत्री सत्येद्र जैन है। नई दिल्ली के बाद दूसरी सबसे हॉट मानी जा रही शकूर बस्ती विधानसभा सीट दिग्गजों के बीच सियासी जंग में फंसी है। हैट्रिक लगाने की कोशिश में मैदान में उतरे दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन का मुकाबला भाजपा से दो बार विधायक डॉ. सुरेश चंद्र वत्स से है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व निगम पार्षद व इलाके मे सियासी पकड़ रखने वाले देवराज अरोड़ा को उतारा है।
माना जा रहा है कि इस बार मुकाबला कांटे का होगा। यह इसलिए भी कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आप की लहर होने के बावजूद जैन भाजपा प्रत्याशी डॉ. वत्स से बमुश्किल तीन हजार वोटों से जीत सके थी, जबकि लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर हार-जीत का फासला लंबा था। शकूर बस्ती सीट पर भाजपा को 62.9 फीसदी वोट मिले थे, जबकि आप और कांग्रेस के खाते में सिर्फ 17.7 व 17.1 फीसदी वोट जा सके थे।
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राजनीतिक इतिहास
शकूरपुर बस्ती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र दिल्ली में स्थित एक विधानसभा क्षेत्र है। यह चाँदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। यहां से लगातार दो बार आप के सत्येंद्र जैन निर्वाचित हुए हैं। इसके पहले भाजपा के श्याम लाल गर्ग ने 2008 में जीत हासिल की थी। वहीं 2003 और 1998 में कांग्रेस के डॉ एस सी वत्स ने यहां जीत दर्ज की थी। जो कि अब भाजपा में हैं। वहीं 1993 में भी यहां भाजपा के गौरी शंकर भरद्वाज ने जीत हासिल की थी।
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जातिगत आंकड़ा
1. सामान्य वर्ग : 40 फीसदी
-पंजाबी : 14
-वैश्य : 12
-ब्राह्मण : 6
-अन्य : 8
2. ओबीसी वर्ग : 28 फीसदी
-गुर्जर : 7
-जाट : 6
-यादव : 4
-अन्य : 11
3. अनुसूचित जाति : 12 फीसदी
-मुस्लिम : 5
-प्रवासी : 15
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ताकत और कमजोरी
आप प्रत्याशी : सत्येंद्र जैन
मजबूती :
-बतौर दिल्ली सरकार के मंत्री स्वास्थ्य क्षेत्र व बुनियादी ढांचे में बदलाव के किए काम।
-पेशे से आर्किटेक्ट होने से प्रोफेशनल में पहचान।
-2013 व 2015 में विधायक होने से इलाके में कराया है विकास कार्य।
कमजोरी :
-बीते चुनाव में आप की लहर होने के बावजूद सिर्फ 3133 वोटों के अंतर से जीते।
-बतौर मंत्री भ्रष्टाचार के लगे हैं आरोप।
-आम मतदाताओं की पहुंच आसान नहीं।
भाजपा प्रत्याशी : डॉ. सुरेश चंद्र वत्स
मजबूती :
-बतौर विधायक दो बार काम करने का मौका मिलने से इलाके में पहचान है।
-पेशे से चिकित्सक, प्रोफेशनल का साथ मिल सकता है।
-दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का करीबी होने से कार्यकर्ताओं से दिली रिश्ता।
कमजोरी :
-भाजपा और कांग्रेस के बीच अपनी आस्था बदली है।
-तकनीक फ्रेंडली होने की जगह पारंपरिक तरीके से करते हैं काम।
-युवा मतदाताओं में ज्यादा मशहूर नहीं।
कांग्रेस प्रत्याशी : देवराज अरोड़ा
मजबूती :
-पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक होने से इलाके में पकड़ मजबूत।
-निगम पार्षद होने के साथ बीते करीब 20 साल से इलाके में सक्रिय।
-कार्यकर्ताओं के बीच गहरी पैठ।
कमजोरी :
-पहली बार लड़ रहे हैं विधानसभा चुनाव।
-निगम सीट आरक्षित होने के बाद चुनाव में उतरी पत्नी हारी।
-लगातार मिल रही हार से विधानसभा स्तर पर संगठन में बिखराव।
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2015 विधानसभा परिणाम
2015 में आम आदमी पार्टी के सत्येंद्र जैन यहां से जीत हासिल की थी। इस चुनाव क्षेत्र में 147262 मतदाता है,
विधायक — सत्येंदर जैन, आप, प्राप्त वोट 51530
निकटतम प्रतिद्वंद्वी — एस सी वत्स, बीजेपी, प्राप्त वोट 48397
हार का अंतर— 3133
वोट % — 71.91
पुरुष मतदाता — 75935
महिला मतदाता — 71326
कुल मतदाता — 147262
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2013 विधानसभा परिणाम
विधायक — सत्येंद्र कुमार जैन, आप, प्राप्त वोट 40232
पराजित उम्मीदवार — श्याम लाल गर्ग, बीजेपी
प्राप्त वोट — 33170
हार का अंतर — 7062
वोट % — 70.85
पुरुष मतदाता — 69494
महिला मतदाता— 64939
कुल मतदाता — 134433