Delhi Assembly 2020: बदलेगा समीकरण या फिर होगी 'आप' की वापसी , जानें बदरपुर सीट का सियासी हाल | Delhi Assembly election 2020: Know the political condition of Badarpur assembly seat

Delhi Assembly 2020: बदलेगा समीकरण या फिर होगी ‘आप’ की वापसी , जानें बदरपुर सीट का सियासी हाल

Delhi Assembly 2020: बदलेगा समीकरण या फिर होगी 'आप' की वापसी , जानें बदरपुर सीट का सियासी हाल

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 PM IST
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Published Date: January 27, 2020 1:37 pm IST

नई दिल्ली। साल 2015 विधानसभा चुनाव हर किसी के जेहन में अभी ताजा है। आम आदमी पार्टी ने देश की राजनीति में सियासी भू चाल ला दिया था। इस आंधी में कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई,जबकि बीजेपी ने सिर्फ 3 सीटें ही अपने नाम कर पाई। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने 70 सीटों में से 67 सीटें जीतकर नया इतिहास रच दिया।

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इस जीत के बाद अब फिर से 2020 में आम आदमी पार्टी दिल्ली में सियासी आंधी ला सकते हैं या नहीं ये तो 11 फरवरी को ही पता चलेगा। 70 सीटों वाली विधानसभा सीट में आप की घोषणाएं किस तरह पूरी हुई हैं। इसका जवाब अब दिल्ली की जनता देगी। फिलहाल बरदपुर विधानसभा सीट में क्या है चुनावी मुद्दे, अब तक का रानीतिक इतिहास, आमने सामने उम्मीदवारों के सामने चुनौतिया कैसी है। जानिए बदरपुर की सियासी बातें…

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आमने-सामने
बदरपुर विधानसभा सीट में आम आदमी पार्टी ने राम सिंह नेताजी को टिकट दिया है। वहीं वर्तनाम विधायक नारायण दत्त शर्मा बागी होकर बसपा का दामन थामा है। दरअसल इस सीट पर शर्मा के बजाय कांग्रेस छोड़ कर आप का दामन थामने वाले पूर्व विधायक राम सिंह नेताजी को टिकट देने से नाराज हो गए है। इससे नाराज शर्मा ने बसपा से जुड़कर चुनाव मैदान में उतरे हैं। वहीं बीजेपी ने रामवीर सिंह बिधुडी को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने प्रमोद साहू को मैदान में उतारा है।

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राजनीति इतिहास

बदरपुर विधानसभा दक्षिण दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। इस सीट का गठन 1993 में किया गया था। यहां के पहले चुनाव में जनता दल के रामवीर सिंह बिधूड़ी विधायक चुने गए थे। रामवीर कई दलों की ओर चुनाव लड़कर जीते और इस सीट से तीन बार विधायक चुने गए। वर्तमान में आम आदमी पार्टी के नेता नारायण दत्‍त शर्मा यहां से विधायक हैं।

वहीं इससे पहले बीजेपी के रामबीर सिंह बिधूड़ी ने जीत हासिल की थी। वहीं रामसिंह नेताजी बसपा के टिकट पर ही बदरपुर सीट से 2008 में विधानसभा चुनाव जीते थे। इस चुनाव में बसपा की झोली में दो सीट आयी थीं। लेकिन इस बार समीकरण अलग है। बसपा से वर्तनाम विधायक नारायण दत्त शर्मा उम्मीदवार है, कांग्रेस से प्रमोद साहू, बीजेपी से रामवीर सिंह और आप से पूर्व राम सिंह नेताजी है।

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बदरपुर सीट के चुनावी मुद्दे
दिल्ली सरकार ने हेल्थ, एजुकेशन और पीने के पानी को लेकर काम कराया है, लेकिन बावजूद इसके बदरपुर इलाके में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है। सेकेंडरी एजुकेशन में कुछ सरकारी और प्राइवेट कॉलेज को छोड़कर प्राइमरी और दूसरी क्लासों के लिए अच्छा स्कूल नहीं है। ऐसे में ये सभी चुनावी मुद्दे बने हुए हैं।

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पिछला परिणाम
2015 विधानसभा चुनाव में बदरपुर सीट में जीत के आंकड़ें

2015 में जीते उम्मीदवार- नारायण दत्त शर्मा, आप
जीत का अंतर- 47,583 वोट
दूसरे स्थान पर- रामवीर सिंह बिधूड़ी, भाजपा

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बरदपुर विधानसभा सीट मतदाता
चुनाव आयोग के मुताबिक इस सीट पर 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे, जबकि 11 फरवरी को वोटों की गिनती होगी। साल 2015 में बदरपुर विधानसभा क्षेत्र पर कुल मतदाताओं की संख्या 2,60,859 थी। जिनमें से पुरुष वोटर्स की संख्या 1,53,307 और महिला वोटर्स की संख्या 1,07,516 थी।

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दिल्ली में कुल मतदाता

चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली में कुल 1,46,92,136 मतदाता रजिस्टर्ड हैं. वहीं वोट डालने के लिए चुनाव आयोग ने कुल 2,698 वोटिंग केंद्र बनाए हैं, जबकि 13,750 पोलिंग स्टेशन। इस बार दिल्ली में कुल 80,55,686 पुरुष मतदाता, 66,35,635 महिला मतदाता और 815 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल होंगे। वहीं चुनाव आयोग ने इस बार कुल 55,823 दिव्यांग वोटर्स को मतदान कराने के लिए अलग से व्यवस्था कराई है।

इस बार चुनाव आयोग को 489 NRI (नॉन रेसिडेंट ऑफ इंडिया) यानी कि विदेशों में रहने वाले भारतीय वोटर्स के मतदान की भी उम्मीद है। वहीं दिल्ली में सर्विस वोटर्स की बात करें तो 11,556 वोटर्स में 9,820 केवल पुरुष मतदाता हैं।

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8 फरवरी को डाले जाएंगे वोट, परिणाम 11 को
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के साथ ही भाजपा और कांग्रेस भी सत्ता प्राप्ति के लिए मैदान में संर्घष कर रही हैं। दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 11 फरवरी को होगी।

उल्लेखनीय है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस अपना खाता नहीं खोल पाई। बीजेपी को 3 सीटें मिली। जबकि आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों का कब्जा जमाया। हालांकि लोकसभा सीट में बीजेपी ने सभी 7 सीटों पर जीत हासिल की है।

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