नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) गुब्बारों, फूलों, सेनिटाइज़र और मुस्कुराते चेहरों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में करीब 10 महीने बाद सोमवार को खुले स्कूलों में 10वीं और 12वीं के छात्रों का स्वागत किया गया।
Read More News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘इस्लामी आतंकवादी’, यूपी के मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला का
दिल्ली सरकार ने कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर स्थित स्कूलों को 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए 18 जनवरी से खोलने की अनुमति दी है। हालांकि विद्यार्थियों के लिए स्कूल आना अनिवार्य नहीं, वे चाहें तो अब भी ऑनलाइन कक्षाएं ले सकते हैं।
कक्षा 12वीं की छात्रा प्रगति दिवान ने कहा, ‘‘ यह वैकल्पिक था लेकिन मुझे आना ही था। यह मेरे स्कूल का आखिरी साल है और मैं एक दिन भी अभी तक स्कूल नहीं आई थी।’’
‘गीता बाल भारती स्कूल’ की एक अन्य छात्रा ने कहा, ‘‘ ऐसा नहीं लग रहा कि मैं 10 महीने बाद स्कूल आ रही हूं, बल्कि ऐसा लग रहा है कि मैं पहली बार स्कूल आई हूं। मैं बोर्ड की परीक्षा की तैयारी करने को लेकर उत्साहित हूं।’’
Read More News: भाजपा नेता सुनील दुबे की सड़क हादसे में मौत, आक्रोशित लोगों और समर्थकों ने गुढ़ियारी थाने का किया घेराव
स्कूल ने यहां गलियारों में ‘‘वापसी पर स्वागत है’’ के पोस्टर लगाए और शिक्षक हाथ में सेनिटाइज़र लिए खड़े थे। स्कूल में प्रवेश करने से पहले प्रत्येक छात्रा का तापमान भी मापा गया।
मंडावली में ‘सर्वोदय कन्या विद्यालय’ में परिसर को गुब्बारों सजाया गया था और छात्रों के आने पर शिक्षकों ने उन पर फूल भी बरसाए।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सोमवार को चिराग एनक्लेव के एक स्कूल का दौरा कर तैयारी का मुआयना किया।
इस अकादमिक सत्र में पहली बार 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोले गए हैं। इस दौरान छात्रों को अलग-अलग समय बुलाया गया है और बार-बार परिसर को रोगाणु मुक्त भी किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी में 10 महीने बाद स्कूल खुले हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पिछले साल मार्च में स्कूलों को बंद कर दिया गया था और ये तभी से बंद हैं। विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि सोमवार से स्कूल खुलने पर कोविड-19 संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।
दिल्ली सरकार ने सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं व प्रायोगिक परीक्षाओं के मद्देनज़र 10वीं और 12 वीं कक्षा के लिए 18 जनवरी से प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट, काउंसिलिंग आदि के लिए स्कूल खोलने की अनुमति थी। साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि छात्रों को अभिभावकों की सहमति से ही (स्कूल) बुलाया जाएगा, स्कूल आना किसी के लिए भी अनिवार्य नहीं होगा।
दिल्ली में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए तीन लाख से ज्यादा छात्रों ने पंजीकरण कराया है जबकि 12वीं कक्षा के लिए 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है।
पढ़ें- सीएम बघेल का ऐलान- प्रदेश में बनेगा तेल घानी बोर्ड, राजिम मेला के लिए 54 एकड़ जमीन आरक्षित
गौरतलब है कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए पहले ही बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर चुका है। ये परीक्षाएं चार मई से 10 जून के बीच होंगी।
दिल्ली सरकार ने पहले सुझाव दिया था कि स्कूलों में कक्षा 12वीं के लिए 20 मार्च से 15 अप्रैल के बीच प्री बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित की जाएं जबकि कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों के एक अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच प्री बोर्ड के इम्तिहान लिए जाएं।
पढ़ें- सज्जन सिंह वर्मा के बयान पर बीजेपी का बड़ा पलटवार, ब…
PM Modi Visit: आज से 21 नवंबर तक इन तीन…
4 hours agoबाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी में गोलीबारी, जांच जारी
11 hours ago