भोपाल: मंगलवार सुबह सीधी में एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसकी चर्चा पूरे दिन हुई। देश भर में हुई, वजह हर घंटे लगातार बढ़ते मौत के आंकड़े। एक के बाद एक निकलती लाशों ने एक-एक कर कई दावों की कलई खोल दी। हादसे के घंटों बाद जब दुर्घटनाग्रस्त बस बाहर निकाली गई तो सतह पर आ गए कुछ सिस्टम से जुड़े कुछ पुराने सवाल। मसलन वाहनों की फिटनस की चैकिंग हुई क्या? 32 सीटर बस में 50 से ज्यादा लोग कैसे थे? ओवरलोडिंग पर क्यों नजरअंदाज किया जाता है? बस का रूट बदला गया? क्या ऐसा लगातार होता रहा है? खैर हादसा गंभीर था, मौत का आंकड़ा 40 पार पहुंचा तो नेताओं के सांत्वना भरे ट्वीट भी आए और सरकारी अमला भी जुटा। कार्रवाई के दावे भी हुए। आर्थिक मदद का मलहम भी लगाया, लेकिन जख्मों की तरह कुछ सुलगले सवाल अब भी सबको साल रहे हैं।
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इन तीन तस्वीरों के जरिए आप सीधी में हए दर्दनाक हादसे की पूरी कहानी को समझ सकते हैं। बाणसागर नहर के पानी में अनहोनी की एक कभी न भूलने वाली कहानी लिखी गई, जहां मातम और मौत का एक और खौफनाक मंजर दिखा। एक नहीं, दो नहीं, 40 से ज्यादा परिवारों को गम में डूबो गया एक दर्दनाक़ हादसा।
जी हां सीधी के रामपुर नैकिन में हुए भीषण हादसे के बाद राजधानी भोपाल तक हड़कंप मच गया। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हादसे के बाद गृह प्रवेशम् कार्यक्रम और कैबिनेट की बैठक स्थगित कर दी, वहीं राहत और बचाव कार्य तेज करने जरूरी निर्देश दिए। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर हादसे पर दुख जताया। राज्यसभा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी हादसे पर दुख जताते हुए सरकार से पीड़ितों को तत्काल राहत देने की मांग की। सीएम के निर्देश पर आनन-फानन में तुलसी सिलावट, राम खिलावन पटेल सहित कई मंत्री सीधी पहुंचे और मृतकों के परिजनो से मुलाकात की। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल भी घटना स्थल पर पहुंचे और प्रशासन को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की।
बहरहाल मुआवजे का मरहम देकर सरकार मृतकों के परिजनों को संबल देने की कोशिश की है, लेकिन हादसे को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर किसकी चूक से हुआ दर्दनाक हादसा? पिछले हादसों से सबक क्यों नहीं लिया गया? सीधी में हुए बस हादसे का जिम्मेदार कौन है? सीधी बस कांड के बाद अब सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा कि 32 सीटर बस में क्षमता से अधिक लोग सवार थे? प्रदेश में परिवहन माफियों की मिलीभगत से ही ऐसे हादसे हो रहे हैं।
फिलहाल मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि बस को मोहनिया घाट से जाना था लेकिन वहां जाम लगा होने के कारण ड्राइवर ने ये रुट लिया था। ड्राइवर, कंडक्टर के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई।