चुनौतियां हजार..सरकार भी तैयार! सुविधाओं से सुधरेंगे हालात या सिस्टम को चला रहे अधिकारियों की मंशा से ? | Cure..Organization and Raising Questions!

चुनौतियां हजार..सरकार भी तैयार! सुविधाओं से सुधरेंगे हालात या सिस्टम को चला रहे अधिकारियों की मंशा से ?

चुनौतियां हजार..सरकार भी तैयार! सुविधाओं से सुधरेंगे हालात या सिस्टम को चला रहे अधिकारियों की मंशा से ?

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 PM IST
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Published Date: April 28, 2021 6:34 pm IST

भोपाल। तमाम उपायों के बाद भी मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात अब भी चिंताजनक हैं…निसंदेह प्रदेश में सरकार ताबड़तोड़ प्रयासों में जुटी है…हर संभव कोशिशें की जा रही हैं…स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने की…विपक्ष बार-बार इस मुद्दे पर हमलावर है कि सरकार ने प्रयास शुरू करने में देर कर दी…ये कोशिशें नाकाफी हैं…लेकिन अब सवाल ये उठता है कि इस सिस्टम को कैसे दुरूस्त किया जाए…किस तरह से आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार किया जाए। 

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ग्वालियर के जिला अस्पताल में जहां कोविड वार्ड में अज्ञात व्यक्ति का शव कोरोना मरीजों के बीच घंटों तक पड़ा रहा, इस बारे में नर्स को भी बताया गया था लेकिन वार्ड ब्वॉय ने शव को कवर में लपेटकर बेड पर ही छोड़ दिया…कोरोना के बिगड़ते हालात और सियासत पर चर्चा की बीच ग्वालियर की एक और तस्वीर सामने आयी जब मंगलवार को कमलाराजा अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने पर खुद विधायक को गाड़ी में धक्का लगाना पड़ा….परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन नहीं मिलने से यहां तीन लोगों की मौत हो गई….ये दर्दनाक बातें सिर्फ इतनी ही नहीं है। 

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ग्वालियर चंबल से दूर दमोह के हाल भी कुछ ऐसा है…जहां पथरिया में एक युवक की मां को अपनी मौत के बाद वाहन नहीं मिला तो उसे मां का शव ठेले पर रखकर ले जाना पड़ा…ये वो खबरें है जिनसे न सिर्फ आपकी आंखों में आंसू आ सकते हैं बल्कि मौजूदा सिस्टम पर गुस्सा भी आ सकता है..अब हालात ऐसे हैं तो सियासत तो होगी ही….प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से मौतें जारी, ग्वालियर में दूसरी बार ऑक्सीजन की कमी से कई मरीज़ों की जान गयी ? जो काम पहले करना था वो अब करने की बात कर रहे है ? जब सब दूर से दूसरी लहर की चेतावनियाँ आ रही थी , तब सोये रहे ? अब ऑक्सीजन प्लांट लगाने की, उसकी आपूर्ति बढ़ाने की बात कर रहे है, यदि यह पहले कर लिया जाता तो आज हज़ारों लोगों की जान बचायी जा सकती थी ? सरकार के नाकारापन व लापरवाही का ख़ामियाज़ा प्रदेश भर में कई लोगों ने अपनो को खो कर भुगता है , जनता इन्हें कभी माफ़ नहीं करेगी.. जाहिर तौर पर कांग्रेस अब कोरोना के मौजूदा हालात पर आक्रमक है और पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ साथ ज़िला कांग्रेस अध्यक्षों से चर्चा करेंगे। 

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वैसे बीजेपी की तरफ से लगातार ये समझाने की कोशिश की जा रही है कि हालात काबू में है…पार्टी ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है ताकि लोगों तक मदद पहुंच सके, भोपाल में पार्टी 600 बिस्तरों का कोविड सेंटर तैयार कर रही है ….दूसरी तरफ सरकार भी युद्धस्तर पर लगी हुई है….बुधवार सुबह ही बोकारो से 6 ऑक्सीजन सिलेंडर मध्यप्रदेश के अलग अलग हिस्सों में पहुंचे हैं….जामनगर रिफाइनरी और बोकारो प्लांट से लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई जारी है….मुख्यमंत्री की अपील पर गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश को क्रायोजेनिक टैंकर देने का आश्वासन दिया है…6 प्लांट में ऑक्सीजन उत्पादन शुरु हो चुका है….23 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लेकर चार टैंकर ओडिसा से भी आने वाले हैं…. इंदौर के पास पीथमपुर में बड़े ऑक्सीजन प्लांट को शुरु किया गया है…..2 हजार ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर खरीदने के बाद 4 हजार कंस्ट्रेटर और खरीदे जा रहे है…34 जिलों में स्थानीय स्तर पर करीब एक हजार से अधिक कन्सट्रेटर उपयोग में लाए जा रहे है… प्रदेश में नई ऑक्सीजन लाइन बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है…इसके तहत पहले चरण 42 जिलों के 2302 बिस्तर और दूसरे चरण में 4643 बिस्तरों तक लाइन बिछाई जाएगी…।

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दरअसल अब सरकार की योजना आगे के कुछ दिनों में बनने वाली स्थितियों के आधार पर व्यवस्था करने की है… जिलों की समीक्षा को लेकर भी सरकार ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है….अब सभी जिलों को तीन हिस्सों में बांटकर अलग अलग समीक्षा की जाएगी…..लेकिन इन तमाम कोशिशों के बीच सवाल वहीं है कि इन सुविधाओं से हालात सुधरेंगे या सिस्टम को चला रहे अधिकारियों की मंशा से….?

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