इस्लामाबाद। सऊदी अरब ने पाकिस्तान की बड़ी फजीहत की है। सऊदी अरब को मनाने रियाद पहुंचे पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा खाली हाथ इस्लामाबाद लौट गए हैं। उन्होंने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिलने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया लेकिन दोनों देशों में रिश्तों में आई तल्खी के कारण ऐसा हो न सका। सऊदी क्राउन प्रिंस ने दो टूक लहजे में पाक आर्मी चीफ से मिलने से इनकार कर दिया।
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दरअसल सऊदी अरब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयानों को लेकर गुस्सा है। कुरैशी ने कश्मीर मामले को लेकर सऊदी अरब के रूख की सार्वजनिक निंदा की थी। उन्होंने सऊदी को धमकी देते हुए कश्मीर पर अकेले बैठक बुलाने का ऐलान भी किया था। इसी से तमतमाए सऊदी ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 6.2 बिलियन डॉलर की फाइनेंशियल डील को रद्द कर दिया और उधार तेल-गैस देने पर भी रोक लगा दी। माना जा रहा है कि इस मामले को लेकर कुरैशी की कुर्सी भी जा सकती है।
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इतना ही नहीं, सऊदी ने पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा को सम्मानित करने का ऐलान किया था। रियाद प्रशासन ने उसे भी कैंसल कर दिया। थक हारकर जनरल बाजवा सऊदी अरब के सेना प्रमुख फय्यद बिन हामिद अल-रूवैली से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सऊदी अरब को और अधिक सैन्य मदद देने की इच्छा भी जाहिर की।
कुरैशी ने सऊदी पर दिया था ये बयान
कुरैशी ने कहा था कि सऊदी OIC को (ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ खड़ा नहीं होने दे रहा है। कुरैशी ने कहा था कि ओआईसी कश्मीर पर अपने विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक बुलाने में हीलाहवाली बंद करे। पाकिस्तान कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से ही 57 मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने के लिए लगातार सऊदी अरब पर दबाव डाल रहा है। एक अन्य सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता है।
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कुरैशी की हो रही फजीहत
पाकिस्तान में भी कुरैशी के बयान की सार्वजनिक निंदा की जा रही है। नौबत यहां तक आ गई है कि कुरैशी को मीडिया से भागना पड़ रहा है। वहीं, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कुरैशी के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान देश के लोगों की ओआईसी से कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की इच्छा और आकांक्षा को दर्शाता है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आइशा फारुकी ने कहा कि देश के लोगों की ओआईसी से काफी अपेक्षा है। वे चाहते हैं कि ओआईसी कश्मीर के मुद्दे को दुनियाभर में उठाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमारा प्रयास आगे भी जारी रहेगा।