नई दिल्ली । पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक सनसनीखेज वारदात का खुलासा किया है। बुधवार 29 जुलाई को राजधानी के बापरोला इलाके से पुलिस ने एक सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है। आरोपी बीएएमएस डॉक्टर देवेंद्र शर्मा पर साथियों के साथ मिलकर दर्जनों चार पहिया वाहन चालकों को अगवा कर, उनकी हत्या करने के बाद उनका शव उत्तरप्रदेश के कासगंज स्थित जी हजारा नहर में मगरमच्छ के आगे फेंकने का आरोप है। पुलिस की मानें तो इस बेहद खूंखार आरोपी ने करीब 40 हत्याएं की हैं। इस पर अपने साथियों सहित कई प्रदेशों में किडनी रैकेट चलाने के मामले में भी आरोपी है।
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देवेंद्र शर्मा, वर्ष-2004 में किडनी ट्रांसप्लांट कांड में जयपुर, बल्लभगढ़ और गुरुग्राम के केस में आरोपी था। इस पर करीब 125 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट कराने का आरोप है। BAMS डॉक्टर से हैवान बने इस देवेंद्र शर्मा के खिलाफ हत्या के केस में सजा के दौरान पैरोल नियमों का उल्लंघन करने के लिए जयपुर में मामला दर्ज किया गया था। आरोपी और इसके साथियों पर 2002-2004 के बीच दर्जनों ट्रक/टैक्सी ड्राइवर की हत्या का आरोप लगा था। मर्डर के बाद आरोपी टैक्सी बेच देते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपी जयपुर सेंट्रल जेल में हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था। इसी दौरान पैरोल पर वह बाहर आया था, लेकिन वापस जेल नहीं लौटा। देवेंद्र शर्मा पैरोल पर फरार होने के बाद दूसरी शादी कर के दिल्ली में छिपकर रह रहा था।
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क्राइम ब्रांच की जानकारी के मुताबिक मुखबिरों से सूचना मिली थी कि हत्या के मामले में जयपुर के सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा देवेंद्र कुमार शर्मा जनवरी महीने में जयपुर जेल से 20 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया था, लेकिन तभी से फरार चल रहा है। वह पिछले कुछ समय दिल्ली के बापरोला के इलाके में फरारी काट रहा है। पुलिस ने जब इस इलाके में दबिश दी तो शातिर अपराधी यहां मिल गया ।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी देवेंद्र शर्मा ने खुलासा किया कि उसने बिहार के सीवान से BAMS की डिग्री ली है। अपराधी बनने से पहले देवेंद्र ने 1984 से 11 साल तक जयपुर के बांदीकुई में जनता अस्पताल और डायग्नोस्टिक्स के नाम से एक क्लिनिक चलाया। इसके बाद इसने कई धंधों में लोगों को ठगा। इस दौरान देवेंद्र शर्मा ने लखनऊ से कुछ सिलेंडरों में रसोई गैस लाना शुरू किया। इस दौरान वह राज, उदयवीर और वेदवीर नाम के तीन शातिर अपराधियों के संपर्क में आया, जो चोरी और डकैती करते थे। इन अपराधियों ने ड्राइवर की हत्या करके एलपीजी सिलिंडर ले जाने वाले ट्रकों को लूटना शुरू कर दिया। ये देवेंद्र शर्मा की फर्जी गैस एजेंसी में ट्रक को खाली कर देते थे। डेढ़ साल के बाद देवेंद्र को नकली गैस एजेंसी चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वर्ष 2001 में उसने एक बार फिर अमरोहा में नकली गैस एजेंसी शुरू की, लेकिन फिर से उसके खिलाफ पीएस कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
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इसके बाद देवेंद्र शर्मा अपराध के दलदल में धंसता चला गया । वर्ष 1994 में देवेंद्र शर्मा जयपुर, बल्लभगढ़, गुरुग्राम और अन्य स्थानों में चल रहे अंतरराज्यीय अवैध किडनी प्रत्यारोपण रैकेट में शामिल हो गया। अवैध किडनी प्रत्यारोपण के बारे में इन तीन स्थानों पर दर्ज आपराधिक मामलों में वह शामिल था। उसे देश में किडनी रैकेट का सरगना कहे जाने वाले डॉ अमित द्वारा संचालित नर्सिंग होम में 2004 में गुरुग्राम किडनी रैकेट मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में कई डॉक्टरों को भी गिरफ्तार किया गया था। उसने 1994 से 2004 तक 125 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण अवैध रूप से किए गए थे जिसके लिए प्रति मामले में 5 से 7 लाख रुपए मिले।
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देवेंद्र जयपुर के एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। 16 साल जेल में रहने के बाद वह जनवरी के महीने में 20 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। उसकी करतूतों का खुलासा होने के बाद पत्नी और बच्चों ने वर्ष 2004 में ही उसे छोड़ दिया था। पैरोल के बाद वह अपने पैतृक गांव में रुका और फिर मार्च की शुरुआत में दिल्ली आ गया। इसके बाद वह बापरोला गया, जहां एक विधवा महिला से शादी की और गुप्त रूप से रहने लगा। जयपुर के लालकोठी की पुलिस को गिरफ्तारी के बारे में सूचित कर दिया गया है।