नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत द्वारा निरंतर नई ऊंचाइयों को छूने का सिलसिला जारी है। अब जबकि देश कोविड-19 के वैक्सीन को रोल-आउट करने के लिए तैयार है, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों और अन्य हितधारकों के सहयोग से इस रोल-आउट की तैयारियों में पिछले कुछ महीनों से सक्रियता के साथ सम्मिलित रहा है, ताकि कोविड-19 वैक्सीन को रोल-आउट करने संबंधी तैयारियों को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
एक व्यापक राष्ट्रव्यापी अभ्यास के तहत आज सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 125 जिलों में 286 सत्रों में शुरुआत से अंत तक कोविड-19 वैक्सीन देने का पूर्वाभ्यास किया गया। प्रत्येक जिले ने तीन या ज्यादा स्थानों पर पूर्वाभ्यास किया, जिनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं (जिला अस्पताल/मेडिकल कॉलेज), निजी अस्पताल और ग्रामीण या शहरी आउटरीच स्थान शामिल थे। सभी राज्य और जिला अधिकारियों को इस पूर्वाभ्यास के परिचालन संबंधी दिशानिर्देशों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। इस पूर्वाभ्यास का लक्ष्य कोविड-19 टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य प्रणाली में निर्धारित प्रणालियों का परीक्षण करना तथा ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर नियोजन, क्रियान्वयन और रिपोर्टिंग के लिए व्यावहारिक वातावरण में को-विन एप्लीकेशन के उपयोग की परिचालन संबंधी व्यवहार्यता का आकलन करना था। यह पूर्वाभ्यास राज्य, जिला, ब्लॉक और अस्पताल स्तर के अधिकारियों को कोविड-19 रोल-आउट के सभी पहलुओं से अवगत कराने के लिए भी संचालित किया गया।
देश भर के राज्यों और संघशासित प्रदेशों ने सुबह 9:00 से पूर्वाभ्यास का संचालन निर्बाध रूप से किया। इस एक दिन के अभ्यास के अंतर्गत टीकाकरण के वास्तविक दिन का अधिकतम अनुकरण या सिमुलेशन करते हुए लाभार्थी के डेटा को अपलोड करने से लेकर सत्र के स्थान का आवंटन और सूक्ष्म नियोजन, वैक्सीन आवंटन, परीक्षण लाभार्थियों के साथ सत्र वाले स्थान का प्रबंधन, रिपोर्टिंग व्यवस्था आदि तक के कार्यकलापों को शामिल किया गया था। सत्र वाले सभी स्थानों पर टीकाकरण के बाद की प्रतिकूल घटनाओं (एईएफआई) से निपटने की तैयारी और कॉल सेंटर की कार्यात्मकता को भी परखा गया। पूर्वाभ्यास का निरीक्षण जिलाधिकारियों द्वारा किया गया। पूर्वाभ्यास का समापन डीब्रीफिंग बैठकों के साथ हुआ, जिनमें दिन भर में सामने आए मसलों और चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई थी। जिला और राज्य स्तर पर राज्यों का फीडबैक लेने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिन भर उनके साथ निरंतर सम्पर्क बनाए रखा। राज्यों / संघ शासित प्रदेशों ने पूर्वाभ्यास के सफल संचालन पर पूरी तरह संतोष प्रकट किया है, जिसमें परिचालन संबंधी प्रक्रिया और को-विन सॉफ्टवेयर के साथ उसका संबंध शामिल था।
को-विन सॉफ्टवेयर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है, ताकि वैक्सीन के भंडार, भंडारण के तापमान और कोविड-19 के लिए लाभार्थियों की व्यक्तिगत ट्रेकिंग के बारे में वास्तविक जानकारी ली जा सके। यह सॉफ्टवेयर पूर्व-पंजीकृत लाभार्थियों, उनके प्रमाणन के लिए स्वचालित सत्र आवंटन के माध्यम से सभी स्तरों पर कार्यक्रम प्रबंधकों की सहायता करेगा और वैक्सीन शैड्यूल के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद एक डिजिटल प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा। अब तक को-विन सॉफ्टवेयर पर 75 लाख से ज्यादा लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट कर दी जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘को विन के जरिए निम्न सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी: 1- लाभार्थियों का पंजीकरण और सत्यापन, 2- टीकाकरण निर्धारण, 3-टीकाकरण की खुराक के लिए एसएमएस के जरिए पहुंच, 4- टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना की रिपोर्टिंग और 5- टीकाकरण के बाद प्रमाण पत्र।’ बता दें कि, कोविन ऐप अभी लॉन्च नहीं हुआ है लेकिन जैसे ही इसे लॉन्च किया जाएगा तो आपको कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ सकती है।
कोविन ऐप में दिए गए हैं 5 मॉड्यूल
1. कोविन ऐप (Co-WIN App) से टीकाकरण की प्रक्रिया, प्रशासनिक क्रियाकलापों, टीकाकरण कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करेगा, जिन्हें वैक्सीन लगाई जानी है। कोविन ऐप में 5 मॉड्यूल हैं। पहला प्रशासनिक मॉड्यूल, दूसरा रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, तीसरा वैक्सीनेशन मॉड्यूल, चौथा लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और पांचवां रिपोर्ट मॉड्यूल।
2. प्रशासनिक मॉड्यूल उन लोगों के लिए है जो टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन करेंगे। इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके जरिए टीका लगवाने लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी मिल जाएगी।
3. रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल उन लोगों के लिए होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे।
4. वैक्सीनेशन मॉड्यूल उन लोगों की जानकारियां को वेरिफाई करेगा, जो टीका लगवाने के लिए अपना रजिट्रेशन करेंगे और इस बारे में स्टेटस अपडेट करेगा।
5. लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण के लाभान्वित लोगों को मैसेज भेजे जाएंगे। साथ ही इससे क्यूआर कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-प्रमाणपत्र मिल जाएगा।
6. रिपोर्ट मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी, जैसे टीकाकरण के कितने सेशन हुए, कितने लोगों को टीका लगा। कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के बावजूद टीका नहीं लगवाया।
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