रायपुर: छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन अब भी सत्ता और संगठन में कुछ पदों पर अपनी नियुक्ति को लेकर कांग्रेसियों का इंतजार खत्म नहीं हुआ है। भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है, तो कांग्रेस कह रही है ये मुख्यमंत्री का विशेषधिकार है। ऐसा भी नहीं कि सभी नियुक्तियां रुकीं हों। हाल ही में नगरीय निकायों में एल्डर मेन की नई नियुक्ति और परिवर्तन हुए हैं और बकाया नियुक्तियों के लिए अभी और इंतजार के संकेत मिले हैं। बड़ा सवाल ये कि आखिर क्यों रुकी हैं निगम-मंडल और आयोग में नियुक्तियां?
छत्तीसगढ़ में सरकार के ढाई साल पूरे होने वाले हैं। इन ढाई सालों में कई बार निगमों-मंडलों में बची हुई नियुक्ति का मामला उठता रहा, लेकिन हर बार एक ही जवाब मिला कि सही समय आने पर निगम-मंडलों में नियुक्ति कर दी जाएगी। कांग्रेस सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के प्रति निष्ठावान नेता और कार्यकर्ताओं ने जमीन पर संघर्श करने किया धैर्य रखा। सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी जमीनी संघर्ष करने वाले नेताओं-कार्यकर्ताओं को सत्ता और संगठन में तवज्जों देने की बात कही थी। अब सरकार के ढाई साल पूरे होने को हैं, तो निगम-मंडल, बोर्ड और आयोग यहां तक कि संगठन में भी खाली पदों को लेकर आस लगाए बैठे कांग्रेसी कुछ मायूस नजर आ रहे हैं। इस पर कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने सरकार की तरफ से स्थिति साफ की।
वहीं,निगम मंडलों में नियुक्तियों में हो रही देरी पर विपक्षी भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा की जब सरकार पर संकट आता है तब सरकार कुछ लोगों को उपकृत करने का काम करती है। जबकि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि ढाई साल में नियुक्ति ना हो पाना साफ करता है कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं।
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निगम-मंडलों में अटकी नियुक्तियों के मद्देनजर 17 जून को सरकार के ढाई साल पूरे हो रहे हैं। मगर सवाल वहीं का वहीं है कि आखिर 30 निगम- मंडलों पर नियुक्ति कब होगी? उससे भी बड़ा सवाल ये कि नियुक्ति में इतनी देरी क्यों? आखिर दावेदार कार्यकर्ताओं को इंतजार कब पूरा होगा?