रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना एक बार फिर तेवर दिखा रहा है। संक्रमण की रफ्तार ऐसी कि अब प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं। रायपुर और दुर्ग समेत कई जिलों में हालात खराब हो चले हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक भी महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, गुजरात और कर्नाटक के बाद छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस सबसे ज्यादा हैं। ऐसे में विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है। दूसरी ओर सत्ता पक्ष का दावा है कि हालात की लगातार समीक्षा कर इसकी रोकथाम के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का कमबैक क्यों और कैसे हुआ? सवाल ये भी की पिछले एक साल के अनुभव के आधार पर सरकार खतरे की नई दस्तक का सामना करने कितनी तैयार है?
राजधानी रायपुर की ये तस्वीर एक साल पुरानी तस्वीर है, जब छत्तीसगढ़ में कोरोना का पहला मरीज मिला था। खौफ ऐसा कि पूरा इलाका सुनसान नजर आ रहा था। दूसरी ओर ये तस्वीर ठीक एक साल बाद की है। जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1 हजार से ज्यादा है, लेकिन सड़कों पर लोगों की भीड़ को देखकर लगता नहीं कि उन्हें कोरोना वायरस की कोई चिंता भी है। सड़क, बाजार में बेपरवाही ऐसी कि कोरोना को लेकर लोगों में कोई खौफ भी है। लोगों में भले खौफ नहीं हो, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि खतरे की नई दस्तक सामने है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ उन 6 राज्यों में शामिल है, जहां कोरोना के केस सबसे ज्यादा है।
यहां प्रतिदिन मिलने वाली मरीजों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई है, ऐसे में सवाल है कि प्रदेश में ये स्थिति क्यों बनी? क्या इसमें आम जनता की लापरवाही है या फिर प्रशासनिक चूक? सवाल ये भी कि मध्यप्रदेश के मुकाबले छोटा राज्य होने के बाद भी प्रदेश में संक्रमितों की संख्या ज्यादा कैसे है? बहरहाल कोरोना की दूसरी लहर का सामना करने की तैयारी की एक तस्वीर राजनांदगांव के बाघनदी बॉर्डर से आई, जहां केवल 3 पुलिसकर्मी और 3 स्वास्थ्य कर्मचारियों के भरोसे महाराष्ट्र से आने वालों की जांच की जा रही है। हालांकि मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि हालात की समीक्षा जारी है, कोरोना से निपटने तमाम उपाय किए जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों को देखते हुए पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश ने बसों का संचालन बंद कर दिया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक इसे लेकर कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। नागपुर, अमरावती सहित महाराष्ट्र के कई शहरों के लिए बसें बगैर रोकटोक और जांच के आ जा रही है। महाराष्ट्र से मां बम्लेश्वरी का दर्शन करने पहुंचे 86 श्रद्धालुओं मे से 10 लोग पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद आनन-फानन में सभी को वापस भेज दिया गया। इधर बीजेपी सरकार पर आरोप लगा रही है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों पर वो सीरियस नहीं है।
इससे पहले कोरोना के बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में RTPCR टेस्ट कम हो रहे हैं। बहरहाल कोरोना संक्रमण रोकने प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। चौक-चौराहों पर मास्क निरीक्षण के लिए बड़ी टीम उतार दी गई है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम दौरे से लौटकर जल्द ही एक बड़ी बैठक लेने वाले हैं।
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