नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औषधि नियामक द्वारा दो टीकों के सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद सोमवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है।
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उन्होंने ‘भारत में निर्मित’ टीकों के लिए वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश को उन पर गर्व है।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होगा। इसके लिए, देश को अपने वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों के योगदान पर गर्व है।’’
मोदी ने राष्ट्रीय माप पद्धति सम्मेलन में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि ‘भारत में निर्मित’’ उत्पादों की न केवल वैश्विक मांग हो, बल्कि उनकी वैश्विक स्वीकार्यता भी हो।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी उत्पाद की गुणवत्ता उसकी मात्रा जितनी ही महत्वपूर्ण है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाने के साथ-साथ हमारे मानक भी ऊंचे होने चाहिए।’’
उल्लेखनीय है कि भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी, जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का मार्ग प्रशस्त हो गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी भी प्रगतिशील समाज में अनुसंधान अहम एवं प्रभावी होता है और उसका असर वाणिज्यिक एवं सामाजिक होता है। इनसे दृष्टिकोण एवं सोच को व्यापक करने में भी मदद मिलती है।
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उन्होंने कहा, ‘‘अतीत हमें सिखाता है कि कोई देश विज्ञान पर जितना ध्यान केंद्रित करता है, उसकी प्रौद्योगिकी उतनी ही मजबूत होती है। इस प्रौद्योगिकी की मदद से नए उद्योगों में मदद मिलती है और यह अनुसंधान को प्रोत्साहित करता है। यही चक्र देश को आगे लेकर जाता है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हम दुनिया को भारतीय उत्पादों के साथ भरना नहीं चाहते, लेकिन हमें दुनिया के हर कोने में भारतीय उत्पादों के हर उपभोक्ता का दिल जीतना होगा।’’
उन्होंने जोर दिया कि देश में सार्वजनिक एवं निजी, दोनों क्षेत्रों में उत्पादों एवं सेवा की गुणवत्ता दुनिया में भारत की ताकत निर्धारित करेगी।
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