पेइचिंग। चीन के वुहान शहर से दुनियाभर में फैल रहे जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर जगह-जगह शोध कार्य जारी है। इस वायरस से अकेले चीन में मरने वालों की संख्या 1100 से ज्यादा हो चुकी है। वहीं, इससे संक्रमण के 44 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नया नाम दिया है। ये नाम है ‘कोविड-19’ (COVID 19)। को – कोरोना, वि- वायरस, डी – डीजीज। 19 इसलिए क्योंकि, पहली बार इसकी पहचान 2019 में की गई।
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•अध्ययन में खुलासा हुआ है कि ये वायरस (Coronavirus) अन्य फ्लू वारयस की तुलना में करीब चार गुना ज्यादा लंबे समय तक जिंदा रह सकते हैं। आमतौर पर प्लू के वायरस दो से तीन दिनों तक जिंदा रहते हैं।
•ये सिर्फ संक्रमित इंसानों के संपर्क में आने से ही नहीं फैलते, बल्कि निर्जीव वस्तुओं से भी संक्रमण फैला सकते हैं।
•लकड़ी, ग्लास, प्लास्टिक या धातु से बनी चीजों (जैसे – दरवाजों, गाड़ियों के हैंडल, आदि) पर कोरोनावायरस नौ दिनों तक जिंदा रह सकते हैं। जबकि 4 डिग्री या उससे कम तापमान में ये वायरस एक महीने से भी ज्यादा समय तक जीवित रह सकते हैं।
•जबकि 30 डिग्री या इससे ज्यादा तापमान में इस वायरस के जीवित रहने की क्षमता कम हो जाती है।
•अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने बताया है कि कोरोनावायरस को डिसइंफेक्टेंट की मदद से खत्म किया जा सकता है।
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•अल्कोहल से कोरोना वायरस को एक मिनट में खत्म किया जा सकता है। जबकि ब्लीच की मदद से इसे महज 30 सेकेंड में मार सकते हैं। यानी निर्जीव चीजों को इन डिसइंफेक्टेंट्स की मदद से साफ करने पर संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
•रिपोर्ट्स के अनुसार, संक्रमित इंसान से किसी स्वस्थ व्यक्ति में कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने में करीब 15 सेकेंड का समय लगता है।
•हालांकि निर्जीव वस्तुओं पर मौजूद कोरोना वायरस से इंसानों में संक्रमण कितनी देर में फैल सकता है, इस बारे में अब तक कुछ कहा नहीं गया है।
•सुरक्षा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर में सलाह जारी की है कि कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोग लगातार अल्कोहल से हाथ धोएं।
• अब तक ये कहा जा रहा था कि कोरोनावायरस संक्रमित चीजों को सीधे छूने (डायरेक्ट ट्रांसमिशन / कॉन्टैक्ट ट्रांसमिशन) से फैल रहा है। लेकिन बीते दिनों ही चीन के अधिकारियों ने कहा कि ये हवा से भी फैल रहा है। इसे एयरोसोल ट्रांसमिशन कहा जाता है।
• शंघाई सिविल अफेयर्स ब्यूरो के उप-प्रमुख के अनुसार, कोरोनावायरस के एयरोसोल ट्रांसमिशन का मतलब है कि वह हवा में मौजूद सूक्ष्म बूंदों के साथ मिलकर संक्रमण फैला रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हालात में संक्रमित हवा में सांस लेने पर भी संक्रमण फैल सकता है।
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