नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जारी वैक्सीनेशन के बीच एक अच्छी रिपोर्ट आई है। देश में ही किए गए दो अध्ययन के नतीजों से पता चलता है कि कोरोना से संक्रमित हो चुके एडल्ट लोगों के लिए वैक्सीन का एक डोज ही काफी है।
वैसे तो अभी तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि हर व्यक्ति के लिए कोरोना की वैक्सीन का दोनों डोज जरूरी है, लेकिन इन दो रिसर्च के शोधकर्ताओं ने कहा है कि उनके नतीजे पुख्ता हैं और इससे वैक्सीन का उचित वितरण संभव हो सकेगा। उनका कहना है कि कोरोना को मात दे चुके लोगों के लिए वैक्सीन का एक ही डोज काफी है। अगर ऐसा होता है तो वैक्सीन के करोड़ों डोज बच जाएंगे और उससे अन्य लोगों को फायदा होगा।
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इससे पहले बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने अप्रैल माह में एक ऐसा ही शोध किया था. इस अध्ययन के नतीजे ‘Science Immunology’नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए। इसके नतीजे भी कुछ ऐसे ही थे। कोरोना को मात दे चुके लोगों में वैक्सीन का पहला डोज दिया गया तो उनमें एंटीबॉडी ज्यादा बनाया।
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इस शोध में पाया गया था कि कोरोना को मात दे चुके लोगों में वैक्सीन के एक डोज के बाद 1000 यूनिट एंटीबॉडी पाया गया जबकि जिनको कोरोना नहीं हुआ था और उनको वैक्सीन का पहला डोज दिया गया तो उनमें केवल 100 यूनिट एंटीबॉडी पाया गया।
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