नई दिल्ली। कोरोना वायरस का असर हर सेक्टर, हर उद्योग पर देखने को मिल रहा है। महामारी के कारण कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी। इस बीच तेज गिरते कीमतों को थामने के लिए कच्चे तेल के शीर्ष उत्पादक देशों में उत्पादन कम करने पर सहमति बन गई है।
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कुवैत के तेल मंत्री खालिद अल-फदेल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उत्पादन में कटौती करने पर सहमति बन गई है। इस सहमति के बाद ओपेक और तेल के अन्य बड़े उत्पादक देश 1 मई से रोजोना 1 करोड़ बैरल की कटौती करेंगे। तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक और दूसरे तेल उत्पादक देश प्रतिदिन 9.7 मिलियन बैरल उत्पादन कम करने पर सहमत हुए हैं।
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उत्पादन कम करके तेल की कीमतों में सुधार किए जाने की कोशिश की जा रही है। उत्पादन में कटौती का मकसद तेल की कीमतों में सुधार करना है। रूस और ओपेक देशों के बीच सहमति बनने के बाद इसका असर भी दिखने लगा। सोमवार को तेल की कीमत में 2 प्रतिशत की तेजी आई।
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आपको बता दें कि रूस और सऊदी अरब के विवाद के साथ-साथ कोरोना वायरस महामारी के कारण गिरी मांग से कच्चे तेल की वैश्विक कीमतें 30 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं। वहीं अब इन देशों के बीच सहमति बन गई है, जहां उत्पादन को कम कर मांग को बड़ावा दिया जा रहा है।
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वहीं इस फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट कर लिखा कि इस अहम तेल समझौते से अमेरिका में ऊर्जा क्षेत्र की लाखों नौकरियां बच जाएंगी।