रायपुर, छत्तीसगढ़। कोरोना टीका लगवा चुके लोग कोविड-19 संक्रमण के दूसरे दौर में काफी हद तक सुरक्षित हैं। कोरोना संक्रमित होने वालों में, ऐसे लोगों की संख्या नगण्य है, जो कोरोना का पहले अथवा दोनों दौर का टीका लगवा चुके हैं। रायगढ़ जिले में कोरोना वैक्सीनेशन तेजी से कराया जा रहा है। पात्रतानुसार 94 प्रतिशत यानी 2,86,531 लोगों को प्रथम दौर का तथा 8443 लोगों को द्वितीय दौर का टीका लगाया जा चुका है। यह बातें जिला प्रशासन रायगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कृषि एवं जल संसाधन मंत्री तथा रायगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री रविंद्र चौबे द्वारा कोरोना महामारी प्रबंधन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ली जा रही समीक्षा बैठक के दौरान कही।
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प्रभारी मंत्री रविंद्र चौबे एवं उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल आज रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय से रायगढ़ जिले के जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों की वर्चुअल बैठक लेकर रायगढ़ जिले में कोरोना महामारी प्रबंधन की स्थिति की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम, उपचार और जरूरतमंदों की मदद के लिए राशि की कमी नहीं आने दी जाएगी। जिला प्रशासन को उसकी आवश्यकता के अनुरूप फंड उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने 14 अप्रैल से 22 अप्रैल तक रायगढ़ जिले में होने वाले लॉकडाउन की तैयारियों के बारे में भी कलेक्टर भीम सिंह, पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह से जानकारी ली। मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान श्रमिकों एवं जरूरतमंदों को राशन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। कोरोना संक्रमित लोगों के उपचार के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। कोविड संक्रमित ऐसे लोग, जो होम आइसोलेशन में हैं। उनके दवाओं की आपूर्ति और फालोअप का भी विशेष ध्यान रखा जाये। मंत्री चौबे ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति गंभीर है। ऐसी स्थिति में हमारी यह जिम्मेदारी है, कि हम अपने कर्तव्य के निर्वहन के प्रति भी पूरी तरह से तत्पर और गंभीर रहें। उन्होंने कलेक्टर भीम सिंह को कोरोना महामारी नियंत्रण और पीड़ितों के इलाज की बेहतर व्यवस्था के लिए डीएमएफ की राशि के उपयोग के निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायकगणों ने भी विधायक निधि की राशि का कोरोना नियंत्रण एवम उपचार की व्यवस्था के लिए उपयोग किए जाने की सहमति दी।
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कलेक्टर भीम सिंह ने बताया कि कोरोना नियंत्रण के लिए 14 अप्रैल से 22 अप्रैल तक जिले में लॉकडाउन रहेगा। इसको लेकर आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं। बाहर से आने वाले लोगों एवं श्रमिकों को क्वारेंटिंन सेंटर में रखे जाने हेतु पंचायतों में क्वॉरेंटाइन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। वहां भोजन, आवास, पेयजल आदि का प्रबंध सुनिश्चित किया गया है। कलेक्टर ने बताया कि रायगढ़ जिले में कोविड-19 के इलाज के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। मातृ-शिशु चिकित्सालय में 100 बिस्तर वाला, कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल तथा मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में 200 बिस्तर हॉस्पिटल संचालित है। अभी 54 आईसीयू तथा 332 ऑक्सीजन बेड कार्यरत हैं। इनकी संख्या बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है। 80 ऑक्सीजन बेड और तैयार किए जा रहे हैं। केआईटी रायगढ़ में 500 बिस्तर वाला कोविड-केयर सेंटर एक-दो दिन में तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सारंगढ़ स्थित मंगल भवन में 50 बेड वाला कोविड-केयर सेंटर संचालित है। लैलूंगा के एमसीएच में 50 बेडेड कोविड सेंटर तैयार किया जा रहा है। रायगढ़ स्थित निजी चिकित्सालयों में भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। समीक्षा बैठक में विधायक रायगढ़ प्रकाश नायक और सारंगढ़ विधायक मती उत्तरी गणपत जांगड़े ,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केशरी भी बैठक में वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
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