नईदिल्ली। देश का कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) 5 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के यह एक और बुरी खबर है, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर महीने में कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स गिरकर 85.7 अंक पर पहुंच गया। यह पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद सबसे निचला स्तर है।
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बता दें कि बीते सितंबर महीने में कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स 89.4 पर था, इस लिहाज से सिर्फ दो महीने में 3.7 अंक की गिरावट है। कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स में गिरावट का मतलब ये हुआ कि देश की इकोनॉमी को लेकर लोगों का भरोसा कम हुआ है और ग्राहक खरीदारी नहीं कर रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह चिंता की बात है।
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गौरतलब है कि कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स जितना मजबूत होता है, अर्थव्यवस्था के लिए वह उतनी ही अनुकूल स्थिति मानी जाती है, इंडेक्स में मजबूती का मतलब ये होता है कि ग्राहक बाजार और अर्थव्यवस्था को लेकर आशावादी हैं। इस इंडेक्स में मजबूती तभी मिलती है जब ग्राहक सर्विस और गुड्स की जमकर खरीदारी करते हैं, जाहिर सी बात है, इससे अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलती है।
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आरबीआई ने यह सर्वे रिपोर्ट देश के 13 बड़े शहरों में कुल 5,334 घरों से जुटाए गए आंकड़े के आधार पर तैयार की है। आरबीआई के सर्वे में शामिल उपभोक्ताओं से मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, रोजगार सृजन, महंगाई और आय व खर्च के मुद्दों पर उनकी धारणा और अपेक्षा जानी गई है। आरबीआई के सर्वे से मालूम होता है कि उपभोक्ताओं को भविष्य में महंगाई बढ़ने का संकट दिख रहा है।
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