नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। खबर है कि पाकिस्तान ने रविवार को घोषणा की है कि दो सितंबर को कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई जाएगी।
इस संबंध में विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि जाधव (49) को ”राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई जा रही है।
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ज्ञात हो कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। हालांकि भारत ने कहा है कि जाधव को ईरान से गिरफ्तार किया गया, जहां वे अपने रिटायरमेंट के बाद बिजनेस के सिलसिले में गए हुए थे। इस मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने बिना शर्त जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने का फैसला सुनाया था।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>Pakistan Ministry of Foreign Affairs: Consular access to Kulbhushan Jadhav will be provided tomorrow, in line with Vienna Convention on Consular relations, International Court of Justice (ICJ) judgement & the laws of Pakistan. <a href=”https://t.co/W0B15wGKbe”>pic.twitter.com/W0B15wGKbe</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1168165146499248129?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 1, 2019</a></blockquote>
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कॉन्सुलर एक्सेस देने को लेकर पाकिस्तान ने पहले कुछ शर्तें रखी थी। पाकिस्तान का कहना था कि पाकिस्तानी अधिकारियों की मौजूदगी में जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस दिया जाएगा। हालांकि पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने विगत एक अगस्त को कहा था कि कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस अगले दिन दे दिया जाएगा। लेकिन दो अगस्त को दोपहर तीन बजे होने वाली बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के चलते हो ही नहीं सकी थी।
क्या है काउंसलर एक्सेस?
VCCR के आर्टिकल 36 (1) (बी) में कहा गया है कि अगर किसी देश (A) के नागरिक को किसी दूसरे देश (B) में गिरफ्तार किया जाता है, तो देश B को बिना देरी किए वीसीसीआर के अधिकारों के तहत उस देश A को जानकारी देनी होगी। इसमें देश A के अधिकारियों को जानकारी देना और उनसे मदद लेना शामिल है।
देश B को देश A के दूतावास या उच्चायोग को ये जानकारी देना जरूरी है कि उन्होंने उस देश के नागरिक को गिरफ्तार/हिरासत में लिया है। आर्टिकल 36(1)(सी) में कहा गया है कि देश A के अधिकारियों को उस देश में सफर करने का अधिकार है जिस देश में गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार व्यक्ति को कानूनी सहायता देने का भी प्रावधान है।
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